एम.डब्ल्यू. अंसारी
जगदलपुर , 30 दिसम्बर . महान अर्थशास्त्री, ईमानदार और सादगी के प्रतीक, राजनीति में सिद्धांतवाद के लिए प्रसिद्ध और विवादों से दूर रहने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह दो दिन पहले इस दुनिया से अलविदा कह गए। आप एक कुशल राजनेता थे। 2004 से 2014 तक आप भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे और अब तक के सबसे सफल प्रधानमंत्री माने जाते हैं, जिन्होंने देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इसी वजह से अब पूरे देश से यह आवाज उठ रही है कि भारत के इस सपूत को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाना चाहिए। यह उल्लेखनीय है कि डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (L-P-G) की नीति को लागू किया, जिसकी बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर स्थान मिला और देश प्रगति के पथ पर बढ़ा। विदेशी निवेश को आकर्षित करने और निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कानूनों में बदलाव किए गए।
उन्होंने केवल वही काम किया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और देश का विकास हो। उन्होंने गैर-जरूरी कार्यों और नाम बदलने की राजनीति से हमेशा दूरी बनाए रखी। उनके कार्यकाल में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में गिना गया। अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कई नीतिगत कदम उठाए गए। सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया गया। महात्मा गांधी नरेगा (MGNREGA) जैसे कार्यक्रम शुरू किए, जिससे ग्रामीण जनता को रोजगार मिला। भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता कराया, जिसने भारत को सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा प्राप्त करने के अवसर प्रदान किए। यह समझौता भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ। इसके अलावा, भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी मजबूत किया।
डॉ. मनमोहन सिंह ने शिक्षा के अधिकार (Right to Education) को कानूनी मान्यता दी, जिससे हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिला। स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई गईं, जैसे नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (NRHM) आदि । यह भी ध्यान देने योग्य है कि डॉक्टर मनमोहन सिंह इतने सक्षम थे कि बिना कुछ कहे सब कुछ कर दिखाते थे। उनके कार्यकाल में भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत किया। उन्होंने G20 बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। एशिया, यूरोप और अमेरिका के साथ व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाया। डॉक्टर मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था और नीति निर्माण में एक स्वर्णिम युग माना जाता है। उनकी सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा।
खासतौर से भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए उनकी मेहनत को भुलाया नहीं जा सकता। इसीलिए आज भारत के हर कोने से देश के इस सपूत, देश रत्न के लिए उनकी सेवाओं के सम्मान में ‘भारत रत्न’ का मांग की जा रही है। क्योंकि यह उनका हक है। उन्होंने भारत में शांति और स्थिरता बनाए रखते हुए जो अतुलनीय सेवाएं दीं, वे सराहनीय हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी हैं। एक बार फिर भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए। जितनी देर होगी, उतनी ही अन्याय होगा। डॉक्टर मनमोहन सिंह ने वह सब किया जो कोई और नहीं कर सका।