राजवंश के समाधि स्थलों की सुध ली महापौर ने

जगदलपुर, 20 मार्च . बस्तर राजवंश के समाधि स्थल को धरोहर के रूप में सहेजने संवारने की ओर नए महापौर संजय पाण्डे ने कदम बढ़ाया हैं. 25 मार्च को बस्तर के महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव की पुण्यतिथि मनाई जाएगी. उसके पहले ही राजपरिवार के पूर्वजों के मठों के आस पास साफ सफाई के निर्देश निगम अमले को मेयर संजय पाण्डे ने दिए हैं. चहारदीवारी के चारों तरफ़ गंदगी पसरी देख महापौर ने उसे साफ़ करने तथा बाउंड्री में रंग रोगन कर उस स्थल को सुरक्षित करने के निर्देश दिये. बाउंड्री के अंदर जो कब्ज़े हुए हैं उसे तत्काल हटाने का भी आग्रह वहाँ के स्थानीय लोगों को किया गया है. मठों एवं समाधि स्थलों में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो इस सम्बंध में भी महापौर ने निर्देशित किया है.
शहर के विजय वार्ड में इंद्रावती नदी के किनारे कई प्राचीन राज मठ हैं. जो की बस्तर राज परिवार के दिवंगत सदस्यों के समाधि स्थल हैं. इंद्रावती नदी किनारे बस्तर राजपरिवार एवं कुंवर परिवार के पूर्वजों के कई मठ हैं जो अलग अलग काल में बनाए गए हैं. इनमें महाराजा रूद्रप्रताप देव, महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी, महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव, महाराजा विजयचंद्र भंजदेव, महाराजा भरतचंद्र भंजदेव आदि के मठ भी शामिल हैं. इन मठों के समीप 22 सीढ़ियां बनी हुई हैं, जो इंद्रावती नदी में जाने के लिए उपयोग की जाती रही हैं. इस मठ के निकट बाहरी मठ का निर्माण किया गया था. इनका निर्माण राजा भैरम देव द्वारा कराया गया है.

इन मठों का निर्माण वर्तमान राजमहल की उत्तरी दिशा में अलग अलग स्थानों पर किया गया है. स्व. राजा प्रवीरचंद्र भंजदेव का मठ भी वहीं पर स्थित है. महापौर संजय पाण्डे ने निगम अमले के साथ उक्त स्थल का दौरा एवं निरीक्षण किया. उन्होंने निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन और पूरी टीम के साथ मिलकर राजपरिवार के मठ को बस्तर की धरोहर के रूप में जल्द संवारने और सहेजने के निर्देश दिए. वार्ड और समाधि स्थल की साफ सफाई पुण्यतिथि के बाद भी नियमित रुप से कराने हेतु कहा. महापौर संजय पाण्डे सुबह से ही इस व्यवस्था में जुटे रहे.

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