जगदलपुर, 02 अप्रैल . नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के विरोध में जय झाड़ेश्वर परिवहन समिति ने कड़ा रुख अपनाया है। रविवार से शुरू हुए धरना-प्रदर्शन के बाद मंगलवार को समिति के सदस्यों ने इस्पात सचिव संदीप पौड्रिक के प्लांट दौरे के दौरान मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। समिति के अध्यक्ष रैनु बघेल ने कहा कि नगरनार प्लांट बस्तर के आदिवासियों की उम्मीद और जीविका का आधार है, जिसे निजी हाथों में नहीं सौंपा जा सकता।
समिति ने मांग की कि एनएमडीसी स्टील प्लांट को निजीकरण से बचाया जाए, क्योंकि यह आदिवासियों के रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का स्रोत है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्लांट को विदेशी कंपनी आर.सी. मित्तल को सौंपने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समिति का कहना है कि आदिवासियों ने अपनी पुश्तैनी जमीन सरकारी कंपनी के भरोसे पर दी श्री, न कि निजी कंपनी के लिए।
समिति के अध्यक्ष रैनु बघेल ने बताया कि यह प्लांट आदिवासियों की आशा से जुड़ा है और हमारी जमीन पर बना है। समिति ने चेतावनी दी कि कि निजीकरण के विरोध में अंतिम सांस तक लड़ेंगे। रविवार से शुरू धरना जारी है, जिसमें सैकड़ों आदिवासी शामिल हैं। इस्पात सचिव ने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी वापसी तक डटे रहेंगे की रणनीति पर अडिग हैं। इस दौरान खगेश्वर पुजारी, सियाराम, जालंधर नाग, वीरेंद्र साहू सहित कई सदस्य मौजूद रहे।