कोंडागांव, 06 मई ।कोंडागांव जिले के विश्रामपुरी क्षेत्र में वर्षों पहले ईसाई धर्म अपना चुके 10 लोगों ने अब अपने मूल आदिवासी धर्म में लौटकर “घर वापसी” की है। धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ आदिवासी समाज के पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने इन सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस मौके पर लौटे लोगों ने कहा कि वे लंबे समय से एक मानसिक बंधन में जी रहे थे, लेकिन अब अपने धर्म में लौटकर उन्हें अपार खुशी और मानसिक शांति मिल रही है। उन्होंने अन्य लोगों से भी अपील की है कि जो किसी भ्रम या बहकावे में आकर अपना मूल धर्म छोड़ चुके हैं, वे भी पुनः लौटें। “हमने इसकी पहल कर दी है और आने वाले समय में हजारों लोग अपने धर्म में वापसी करेंगे,” उन्होंने विश्वास के साथ कहा।
बस्तर संभाग में लंबे समय से धर्मांतरण एक गंभीर सामाजिक मुद्दा रहा है। नक्सलवाद के बाद यह क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी चुनौती मानी जाती है। आदिवासी समाज ने इसके खिलाफ एकजुट होकर वर्षों से जागरूकता अभियान चलाया है, जिसका असर अब दिखाई देने लगा है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना जैसे फैसलों से भी आदिवासी समाज को अपनी पहचान को लेकर नई चेतना मिली है।समाज के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि यह सिर्फ 10 लोगों की वापसी नहीं है, बल्कि एक सामाजिक चेतना की शुरुआत है, जो भविष्य में और भी बड़े बदलावों का संकेत देती है। करीम