जगदलपुर, 19 अप्रैल। दक्षिण बस्तर का नक्सली प्रभावित सुकमा जिला का एक गांव बड़ेशेट्टी नक्सल मुक्त हुआ। बचे हुए 11 नक्सलियों ने कल आत्मसर्पण कर दिया है। वहीं ग्रामीणों ने आस-पास के गांव को भी नक्सल मुक्त कराने की दिशा में कटिबद्ध है।
गांव का सरपंच कमलू जोगा ने बताया कि माओवाद के गढ़ रहे बड़ेशेट्टी के माओवाद मुक्त होने के बीच यहां के ग्रामीणों के मन में पिछले दो दशक में माओवाद से मिले कई गहरे घाव हैं। जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित इस पंचायत के आश्रित गांव गंधारपारा, सिंगनपारा, दुरमापारा, पालेड़ पारा, पटेल पारा और तोंगोड़ी में 600 परिवार रहते हैं, जिनकी जनसंख्या लगभग 1700 है। दो-दशक पहले वर्ष 2005 में जब सलवा जुडूम प्रारंभ हुआ तो यहां माओवाद ने पांव पसारने शुरू किए थे।
बड़ेशेट्टी समेत असपास के क्षेत्र में माओवादियों खुलेआम घटनाएं करने लगे थे। नवंबर 2020 में माओवादियों ने केरलापाल से बड़ेशेट्टी मार्ग को 43 जगह काटकर बड़े-बड़े गढ्ढे कर दिए थे। 52 स्थानों पर पेड़ काट कर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। अस्पताल को भी तोड़ा था। इससे पहले बालक आश्रम भवन को भी वे तोड़ चुके थे।
कमलू जोगा ने बताया कि पिछले 2008 से बडे़शेट्टी गांव में नक्सलियों का आतंक रहा और कई घटनाओं को इन्होंने अंजाम भी दिया। हालांकि गांव में तीन नक्सली मारे गए एक जवान शहीद हुआ मुखबीर के आरोप ग्रामीणों को भी नक्सलियों ने मौत के घाट उतारा। पिछले 2015 के पंचायत चुनाव में नक्सलियों ने इवीएम मशीन को भी लूट लिया था। गांव में कभी शांति नहीं थी पुलिस और नक्सली का डर समाया रहता था। अब गांव में दहशत का माहौल खत्म हुआ, विकास हुआ, और आसपास के गांवों को भी नक्सल मुक्त कराया जायेगा।
सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चैहान ने बताया कि बड़े शेट्टी गांव नक्सल मुक्त हो गया और इस गांव को नक्सलीवादी आत्मसपर्मण, पीड़ित राहत पुर्नवास नीति 2025 के तहत बडे शेट्टी पंचायत को 1 करोड़ की राशि विकास कार्यों के लिए स्वीकृति की गई है। यह धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल अन्य विकास कार्याें में पंचायत द्वारा खर्च किया जायेगा।
करीम