आइटीआर के गिद्धों सैटेलाइट टैगिंग

बीजापुर, 09 मई.  इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आइटीआर) में गंभीर रूप से संकटग्रस्त गिद्धों की दो प्रजाति भारतीय गिद्ध (जिप्स इंडिकस) और सफेद पीठ वाले गिद्ध. (जिप्स बंगार्लेसिस) की सफल सैटेलाइट टैगिंग की गई है। इससे अब गिद्धों के पर्यावास और उसके व्यवहार के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।

  आइटीआर में किए गए इस कदम को गिद्धों के संरक्षण की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।  वन विभाग के सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बताया कि भारत में पक्षी संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम आइटीआर की ओर से उठाते हुए छत्तीसगढ़ वन विभाग ने बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आइयूसीएन) की सूची में गंभीर  सैटेलाइट टैगिंग के बाद गिद्धों को छोड़ते वनकर्मी।  रूप से संकटग्रस्त प्रजाति जिप्स इंडिकस व जिप्स बंगार्लेसिस प्रजाति के दो गिद्ध की सैटेलाइट टैगिंग व चार गिद्ध को रिंग पहनाई गई है।
    केदार कश्यप, वन मंत्री ने बताया कि गंभीर रूप से संकटग्रस्त गिद्धों का इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में होना बताता है कि छत्तीसगढ़ की जलवायु गिद्धों के अनुकूल है। वन विभाग की. ओर से गिद्धों की संरक्षण के लिए  सैटेलाइट टैगिंग की गई है, जिससे अब आंकड़ों के आधार पर संरक्षण की नीति तैयार करने में सहायता मिलेगी। करीम

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