जगदलपुर.18 अप्रैल. भानपुरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम सालेमेटा, खड़का, छुरावण्ड और कमेला के ग्रामीणों ने गुरुवार को कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर वन विभाग की प्रस्तावित पर्यटन परियोजना का विरोध दर्ज कराया। गेट के सामने ही ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिन 340 हेक्टेयर वन भूमि पर पर्यटन स्थल और चिड़ियाघर बनाने की योजना है, वह भूमि वर्षों से किसानों की आजीविका का आधार रही है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने कलेक्टर कार्यालय के सामने जमीन पर बैठकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और विरोध पत्र सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र पहले ही कोसारटेडा जलाशय के डूबान क्षेत्र में आ चुका है, जिससे उनकी कृषि भूमि पहले ही प्रभावित हो चुकी है। अब जो थोड़ी बहुत बची हुई भूमि है, वह भी वन विभाग की योजना के कारण संकट में है।
सनत राम, उप सरपंच, ग्राम खड़का ने बताया कि कोसारटेडा के समीप इस स्थल पर पर वन विभाग की ओर से पर्यटन स्थल बनाए जाने का विरोध करने ग्रामीण पहुंचे हैं। ग्रामीण यहां वनोपज और किसानी से अपना जीवन यापन करते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि पर्यटन स्थल अन्यत्र स्थान पर बनाई जाए।
340 हेक्टेयर वन भूमि पर पर्यटन स्थल का विरोध

चंदन कश्यप, पूर्व विधायक ने बताया कि अगरबती पटेल, जनपद सदस्य इससे प्रोजेक्ट से 934 किसान प्रभावित होंगे। जिनको कोसारटेडा भूमि अधिग्रहण का आज तक मुआवजा तक नहीं मिला है। इस जमीन में 40 परिवार को वन अधिकार पट्टा दिया गया है। चिडियाघर और पर्यटन स्थल खोलने की कवायद की रही है। करीम