जगदलपुर 01 सितम्बर. छत्तीसगढ़ जनता जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने प्रदेस की भाजपा सरकार पर नदियों को खत्म करने का गंभीर आरोप लगाया है ..बस्तर की प्राण दायनी इंद्रावती का लगातार जल स्तर कम होने पर सवाल उठाया है… छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के बॉडर में स्थित जोरा नाला का पानी अब तक छत्तीसगढ़ बस्तर को नही दिए जाने पर भी सवाल किया है और कहा कि छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के दोनो राज्यों में डबल इंजन कि सरकार है तो क्यो बस्तर वासियों को अब तक निर्धारित पानी नही दिया जा रहा है और शबरी सहित बीजापुर के अंतिम छोर इन्दावत्ती का पानी गोवादर्री मे जा रहा है और उड़ीसा स्थित जोरो नाला से बस्तर को दी जाने वाली पानी को रोकने का काम किया गया..वंही जगदलपुर पहुँचे जनता जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा की भाजपा सरकार और पूर्व की कांग्रेस सरकार ने पानी के मामले में कोई पहल नही किया गया.. छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के दोनो सरकारों के बीच एक ठोस एग्रीमेंट किया जाना चाहिए… जिससे बस्तर को दी जाने वाली पानी भरपूर मात्रा में मिल सके !
साथ ही कहा कि बस्तर के उम्मीदों का कारखना एनएमडीसी स्टील प्लांट से बस्तर के लोगो को क्या फायदा मिला..जो ग्रामीणो ने अपने पुरखो की जमीन जिस मक़सद से एनएमडीसी प्लांट को दी थी उससे उनको कोई लाभ नही मिला.. दोनो सरकारों ने बस्तर के भोले भाले लोगों को केवल लूटने का काम किया है और बस्तर को बदहाल कर दिया है.. उन्होंने कहा कि आदिवासियो के बीच दोनो सरकारों ने एक युद्ध चलाया और अब धर्म के नाम से गंदी राजनीति की जा रही हैं.. अग्रेजो की तरह फुट डालो राज करो के तहत बस्तर को केवल ठगने और लूटने का काम दोनो सरकारों ने किया है ..वंही कहा कि एनएमडीसी का।मुख्यालय जगदलपुर में आना चाहिये…
मुख्यालय जब बस्तर में आएगा तो बस्तर में रोजगार के साधन बडेंग़े… उन्होंने कहा कि बस्तर की जनता को गुमराह करते हुए एनएमडीसी का विनिविशिकरण किया जा रहा है और भाजपा झूट बोलने का काम कर रही हैं… और पूर्व सरकार ने 27 करोड़ में एनएमडीसी की जमीन को केंद्र को बेचने का काम।किया है… बस्तर संभाग में जितने भी खदानें है उंसको केवल बेचने का काम किया जा रहा है… वही नक्सल मामंले को लेकर कहा कि नक्सल मामंले में बंद ग्रामीणों को अब तक रिहाई नही की गई और लगातार अब भी ग्रामीणो को नक्सली बताकर जेल में बंद किया जा रहा है… इस ओर भजापा की सरकार और पूर्व सरकार ने चुप्पी साध ली हैं.. साथ ही डीएमएफटी को लेकर उन्होंने कहा कि अब तक डीएमएफटी में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है और अब डीएमएफटी फंड के नियमो में संशोधन किए जाने को लेकर कहा कि बस्तर के विकास के लिए डीएमएफटी फंड से दी जाने वाली राशि को केंद्र सरकार 25 किलोमीटर के दायरे में ही बस्तर के विकास के लिए खर्च करेगी है और बचीं राशि भारत सरकार अपने खाते में डाल देगी..जिससे बस्तर का पैसा कंही और खर्च नही किया जाएगा..जो सरासर गलत है ऐसी विचारधारा वाली सरकार को बस्तर के ग्रामीणो से कोई वास्ता नही है और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को इस मामले में आपत्ति दर्ज करनी चाहिए।
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