विवेकानंद स्कूल के बाहर खिलते बादाम के पेड़ को काटा गया

आधी रात का रहस्य

सीसीटीवी में कैद पेड़ काटने वाला

जगदलपुर /विवेकानंद स्कूल के गेट के सामने एक खिलते बादाम के पेड़ को आधी रात को अवैध रूप से काट दिया गया, जिससे छात्र और स्थानीय लोग हैरान हैं । यह पेड़ राहगीरों को छाया प्रदान करता था और स्कूली बच्चों के लिए एक दैनिक आकर्षण था।
स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति अंधेरे की आड़ में पेड़ को काटते हुए दिखाई दिया है। हालांकि अपराधी की पहचान अभी भी अज्ञात है, और इस कृत्य के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है।

2018 plantation

कयास यह लगाए जा रहें है कि अतिक्रमण करने के लिए संभवतः इस कृत्य को अंजाम दिया गया होगा। निवासियों को गड़बड़ी का संदेह है और उन्होंने अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। निगम प्रशासन से उम्मीद की जा रही है इस दिशा में जल्द से जल्द कार्यवाही करे।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, यह पेड़ न केवल स्कूल के परिवेश का हिस्सा था, बल्कि बच्चों के लिए खुशी का स्रोत भी था। इसे इस तरह से काटना एक शर्मनाक कृत्य है। गैर कानूनी ढंग से इस तरह पेड़ काटने वालों पर कार्यवाही नहीं होगी तो और को भी ऐसा करने का बल मिलेगा। भावुक होकर प्राचार्य मनीषा खत्री बताती हैं कि इन पौधों को बच्चों की तरह बड़े होते देखा ।
अमित काटारिया के कार्यकाल में लगाए गए थे
ज्ञात हो कि सड़क चौड़ी करण के दौरान उस वक्त दो बड़े गुलमोहर की पेड़ चौड़करण की भेंट चढ़ गए थे। विरोध होने पर तत्कालीन आयुक्त ए.के.हल्दार ने कहा था कि पांच पेड़ों की जगह 15 पेड़ लगाए जाएंगें । प्राचार्य मनीषा खत्री कहती हैं आज कटे ये पेड़ उसी दौरान लगाए गए थे।
खुदरा व्यापारियों पर शक की सुई है
स्कूल में आने वाले पालक व अभिभावकों का कहना है स्कूल के आसपास अपनी दुकान बढ़ाने की गरज से खुदरा व्यापारियों की यह करतूत हो सकती है। पालक अब मांग कर रहे हैं कि पेड़ को फिर से लगाया जाए और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए। अन्यथा इन्हें छूट मिलने पर फिर बचे-खुचे पेड़ों को भी काटा जाएगा।
स्वामी विवेकानन्द स्कूल शहर के मध्य स्थित है। इस सड़क से गुजर कर एक बड़ा अमला जो शहर को लेकर फिक्रमंद रहता है प्रतिदिन गुजरता है । छात्र-छात्राओं ,स्कूल प्राचार्य और स्कूल शिक्षक-शिक्षिकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। तस्वीरें बता रही है कि वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान ये पड़े 1018-19 के सत्र में लगाए गए थे। 2018-19 में किए जा रहे वृक्षारोपण के दौरान वह वह बड़ा बादाम पेड़ नजर आ रहा है।
नगरीय प्रशासन की तरफ से जल्द ही जांच शुरू होने की उम्मीद है। इस घटना ने शहरी हरियाली की रक्षा और सार्वजनिक स्थानों पर कड़ी निगरानी के महत्व पर चर्चा को जन्म दिया है।

 

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