सर्व शैक्षिक संगठन ने लगाया आरोप
जगदलपुर / सरकार द्वारा सुशासन के तमाम दावों के बीच शासकीय शिक्षकों ने युक्तियुक्त करण की काउंसिंग में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
जगदलपुर के लालबाग मैदान पास स्थित कर्मचारी भवन में सर्व शैक्षणिक संघ ने सरकार को जम कर कोसा और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मीडिया को दिए 27 ऐसे बिन्दु हैं जिससे आधार पर यह युक्तियुक्त करण की प्रकिया को ही खुले आम नियमों का उल्लघंन बता रहें हैैं। एक पदाधिकारी को गौर से सुनिए ये कह रहें स्थानीय प्रशासन सरकार के खिलाफ ही शिक्षकों में फूट पैदा कर कर रहा है।
जारी प्रेस नोट में संगठन ने दिव्यांग महिला शिक्षिका को अधिकारियों द्वारा अभ्रदता पूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया है। संगठन का दिव्यांग शिक्षकों को युक्तियुक्त करण में लेना नियम विरूद्ध है। इसी तरह काउंसिलिंग में नियमों का उल्लंघन किया गया । ये कहते हैं कि काउंसलिंग की सूचि सार्वजनिक नहीं की गई और न ही शाला प्रबंधन समिति को युक्तियुक्त करण में अवगत करया गया ।
इन्होंने भैरंमगंज और पोटानार शालाओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि यहाँ काउसलिंग में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
नियमित शिक्षकों के होने के बावजूद
अपने दावों के बीच सर्व शैक्षणिक संगठन का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की पद-स्थापना नियमित शिक्षकों के होने के बावजूद की गई । और आज नियमित शिक्षकों को ही अतिशेष माना गया जो दोषपूर्ण है। इधर प्रभारी कलेक्टर प्रतीक जैन ने प्रेस को बताया है कि बस्तर में केवल दो ही स्कूल होगें जो इस प्रकिया में बंद हो रहें है । और कर्मचारी संगठन का कहना है कि स्कूल से जुड़े रसोईया और अन्य भी बेकार हो जाएंगे उनका रोजगार छिन जाएगा।
संगठन ने 2008 के सेट अप का हवाला
संगठन ने 2008 के सेट अप का हवाला देते हुए कहा है सरकार ने इसे निरस्त नहीं किया अगर यह युक्तियुक्त करण इसी आधार पर हो तो मान्य है।
संगठन और सरकार दोनों अपनी सफाई पर प्रेस वार्ता कर रही है – बात चाहे कुछ भी हो मगर सरकार और प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाते ये शासकीय कर्मचारी बता रहें हैं बीजेपी के सुषासन में सब कुछ ठीक नहीं है।