बीजापुर, 12 मार्च। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धुर नक्सल प्रभावित इलाकों की तस्वीरें अब बदलने लगी हैं। बीजापुर जिले का पुजारी कांकेर इलाका भी कभी नक्सलियों की हिंसा से प्रभावित था। इससे ग्रामीणों को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
उल्लेखनीय है कि, नक्सलियों के घोषित-अघोषित प्रतिबंधों और ग्रामीणों पर लगाई गई आर्थिक नाकेबंदी के चलते साप्ताहिक बाजार बंद हुआ करते थे। इससे ग्रामीणों को अपने वनोपज और रोजमर्रा की सामग्री के लिए 30-40 किमी दूर पैदल चलकर उसूर-चेरला होते हुए तेलंगाना जाना पड़ता था।
इलाके में नक्सल उन्मूलन के लिए स्थापित सुरक्षा कैंप और सड़क निर्माण से आवाजाही शुरू हुई। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली क्योंकि इससे उनकी पहुंच जिला और ब्लॉक मुख्यालय तक होने लगी है। जिला प्रशासन के सहयोग से पुजारी कांकेर तक बस सेवा भी शुरू कर दी गई है।
सोमवार को ग्रामीणों और सुरक्षाबलों की पहल पर दो दशक बाद फिर से साप्ताहिक बाजार की शुरुआत की गई। साप्ताहिक बाजार में पुजारी कांकेर और आस-पास के ग्रामीणों ने अपनी जरूरत की सामाग्री खरीदी। वहीं स्थानीय उपज को बाजार में बेचने के लिए रखा था। पुजारी कांकेर में साप्ताहिक बाजार शुरू होने से वनोपज से जुड़े स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों में खुशी की लहर है।