जगदलपुर, 21 सितम्बर . छतीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के दहसत के कारण आज भी कई गांव तक सड़क नही पहुँच पाई है सुकमा के कोंट में मानवता को सुकून देने वाली तस्वीर आई जिसमे 108 एबुलेंस के कर्मचारी ने बीमार युवक को 18 किलोमीटर पैदल कन्धे पर खाट के सहारे एबुलेंस तक ले कर आय उसके बाद अस्पताल में मरीज का इलाज हुआ कोंटा से लगे बेदरे बोडम पारा से मानवता की सुंदर तस्वीर आई है यहां एंबुलेंस चालक व ईएमटी मरीज को खाट पर लादकर एंबुलेंस तक लेकर आए इसके बाद मरीज को अस्पताल ले जाया गया.
मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी कपिल ठाकुर ने बताया कि मरीज चार दिन से बीमार था।परिजनों उसे अस्पताल नहीं ले गए, लेकिन जब स्वास्थ्य ज्यादा खराब हुआ तो 108 संजीवनी एंबुलेंस को कॉल की इसके बाद वाहन के ईएमटी व पायलेट पैदल मरीज को अस्ताल ले गए परिजनों ने बताया कि बेदरे बोडम पारा निवासी मड़ियम पंडु (25) चार दिन से बीमार था परिजन उसे किसी भी अस्पताल नहीं ले जा पा रहे थे, जिसके चलते मरीज चार दिनों तक घर में ही पड़ा रहा। मरीज के स्वास्थ्य में गिरावट को देखते हुए परिजनों ने दोपहर को 108 संजीवनी एक्सप्रेस को फोन किया गया। 108 के ईएमटी रोहित व पायलेट दिलीप अपने वाहन को लेकर मरीज को लेने निकले गांव के बीच सड़क पर एंबुलेंस को खड़ी करने के बाद पैदल परिजनों के साथ गांव बेदरे बोडम पारा पहुंचे, जहां मरीज चलने की हालात में बिल्कुल भी नहीं था। ऐसे में परिजनों के साथ ही एंबुलेंस चालक के द्वारा खाट में मरीज को सुलाने के बाद उसे एक डंडे के सहारे कंधे पर लादकर मरीज को 18 किमी का सफर तय करने के बाद एंबुलेंस तक लेकर गए। इसके बाद उसे पीएचसी बासागुड़ा ले जाकर भर्ती कराया गया.
श्री कपिल ठाकुर ने बताया कि सुकमा जिले में कई अंदरूनी इलाकों में सड़क नही होने के कारण कई बार ऐसे मामले आते रहा है सुकमा जिले के सिलगेर से लगे बोडम पारा में गांव तक 108 एबुलेंस नही पहुँच पाया उसके बाद एबुलेंस के कमर्चारी खाट के सहारे एबुलेंस तक लाये अस्पताल में भर्ती करवा मरीज की हालत सामान्य है