एक करोड़ के इनामी टॉप माओवादी नेता गणेश उइके ढेर

जगदलपुर . साल 2025 नक्सल उन्मूलन की दिशा में अब तक का सबसे निर्णायक और सफल साल साबित हो रहा है। जून में केशवराव उर्फ बसवराजू के एनकाउंटर और कुछ महीने पहले हिड़मा के सफाए की बड़ी कामयाबियों के बाद अब सुरक्षाबलों को एक और ऐतिहासिक जीत मिली है। ओडिशा के कंधमाल जिले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), CRPF और BSF की संयुक्त टीम ने दुर्दांत नक्सली नेता और केंद्रीय समिति सदस्य गणेश उइके को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है, जिस पर करीब1 करोड़ का इनाम घोषित था। गणेश उइके नक्सलियों की सेंट्रल समिति (CCM) का वरिष्ठ नेता था और बस्तर डिवीजन सहित पूर्वी भारत के नक्सल प्रभावित इलाकों में उसकी सक्रिय भूमिका रही है। उसे लंबे समय से सुरक्षाबलों की नज़र में रखा गया था और उसकी पहचान कई गंभीर नक्सलियों वाली वारदातों में रही है। इस कार्रवाई को 2025 के सबसे बड़े ऑपरेशनल सफलता के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सर्च और निगरानी के दौरान कंधमाल के राम्पा जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त फायरिंग हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने चार नक्सलियों को गोली मार दी, जिनमें गणेश उइके भी शामिल था। इसमें हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किये गए हैं, जो नक्सलियों की गतिविधियों को अंजाम देने में इस्तेमाल हो सकते थे।यह ऑपरेशन सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं बल्कि नक्सल नेटवर्क के ढांचे को कमजोर करने वाला निर्णायक प्रहार माना जा रहा है। गणेश उइके के मारे जाने से नक्सलियों के नेतृत्व पर बड़ा झटका लगा है और यह संकेत देता है कि सुरक्षा बलों की सक्रियता और खुफिया इनपुट ने नक्सल उन्मूलन अभियान को मजबूत किया है। वर्तमान में नक्सल विरोधी अभियान में सुधार की एक और सकारात्मक दिशा यह है कि ओडिशा सरकार ने नक्सलियों के सरेंडर और पुनर्वास नीति को मजबूत करते हुए उच्च इनाम राशि और बेहतर सहायता योजनाएँ लागू की हैं, ताकि नक्सलियों को हथियार लेकर कानून के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया जा सके। साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में न सिर्फ मुठभेड़ें बढ़ीं हैं, बल्कि कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है, जिससे स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों को इनपुट और सहयोग प्राप्त हो रहा है और लाल आतंक को समाप्त करने के लक्ष्य को और मजबूत किया जा रहा है। इस क्रम में यह सफलता एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में दर्ज होगी, क्योंकि इससे नक्सलवाद पर नियंत्रण पाने की प्रक्रिया को और गति मिली है और 2025 को नक्सल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक वर्ष के रूप में याद किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *