
सुकमा. जिला सुकमा अंतर्गत थाना गोलापल्ली क्षेत्र के गोंदीगुड़ा जंगल-पहाड़ी इलाके में 18 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस कार्रवाई में महिला माओवादी सहित कुल तीन माओवादी मारे गए। मुठभेड़ स्थल से 9 एमएम सर्विस पिस्टल, 12 बोर भरमार बंदूक, बीजीएल सेल, टिफिन बम सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सली सामान बरामद किया गया है।
पुलिस अधीक्षक सुकमा श्री किरण चव्हाण ने बताया कि गोंदीगुड़ा क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की पुख़्ता सूचना के आधार पर सुकमा डीआरजी टीम द्वारा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। 18 दिसंबर की सुबह से ही डीआरजी और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ होती रही। सर्च के दौरान एक महिला और दो पुरुष माओवादियों के शव हथियारों व नक्सली सामग्री के साथ बरामद हुए।
प्रारंभिक पहचान के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में माड़वी जोगा उर्फ मून्ना (निवासी—जिला नारायणपुर), सोढ़ी बंडी (निवासी—सिंघनमड़गू, किस्टाराम, सुकमा) शामिल हैं। दोनों एसीएम रैंक के थे और प्रत्येक पर ₹05 लाख का इनाम घोषित था। वहीं तीसरी माओवादी नुप्पों बजनी (निवासी—टेकलगुड़ा, जगरगुंडा, सुकमा) एलओएस सदस्य थी, जिस पर ₹02 लाख का इनाम था। ये सभी कोंटा/किस्टाराम एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय रहकर कई गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं।
इस कार्रवाई पर बस्तर रेंज के आईजीपी श्री सुन्दरराज पट्टलिंगम ने कहा कि वर्ष 2025 में सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाइयों में अब तक सेंट्रल कमेटी सदस्य, डीकेएसजेडसी सदस्य और पीएलजीए कैडर्स सहित कुल 255 माओवादी मारे जा चुके हैं। यह माओवादी नेटवर्क की निर्णायक कमजोरी को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “बस्तर में माओवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। संगठन की संरचना टूट चुकी है। सभी सक्रिय माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएँ।