जगदलपुर . GST स्लैब में कटौती पर प्रधानमंत्री व भाजपा नेताओं की टिप्पणियाँ – जनता को गुमराह करने के साथ–साथ 08 वर्षों तक GST के माध्यम से जनता से की गई लूट को छुपाने का प्रयास है।
प्रेस विज्ञप्ति में राजेश चौधरी नेता प्रतिपक्ष नगर निगम जगदलपुर ने बताया कि आज प्रधानमंत्री जी सहित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा यह दावा किया गया कि GST के स्लैब में कटौती से देश की जनता को बड़ा लाभ हुआ है। यह बयान आश्चर्यजनक है, क्योंकि अगर वास्तव में GST दरों में कटौती से जनता को राहत मिल रही है, तो भाजपा को यह भी स्वीकार करना चाहिए कि पिछले 08 वर्षों में इसी GST व्यवस्था के माध्यम से जनता को लूटा गया।
GST लागू होने के बाद से छोटे व्यापारियों, मझोले उद्यमों, किसानों, बेरोजगारों, छात्रों तथा आम उपभोक्ताओं को जिस प्रकार से आर्थिक बोझ उठाना पड़ा है, उसकी भरपाई क्या अब कुछ स्लैब कम करने से हो जाएगी?
भाजपा सरकार ने जबरन एक ऐसी कर व्यवस्था थोपी, जिसमें आम आदमी को रोजमर्रा की ज़रूरत की चीज़ों पर भी भारी टैक्स चुकाना पड़ा। नोटबंदी, महंगाई और बेरोजगारी के साथ मिलकर GST ने आम नागरिक की कमर तोड़ दी। अब जब बिहार व अन्य राज्यों में चुनाव नज़दीक हैं, तो GST स्लैब में मामूली कटौती करके इसे “जनहितैषी कदम” बताना जनता की आँखों में धूल झोंकने जैसा है। जनता जानना चाहती है कि पिछले 08 वर्षों में GST से केंद्र सरकार ने कितनी अतिरिक्त आमदनी की? उन पैसों का लाभ किसे मिला – जनता को या पूंजीपतियों को? अब जो दरें घटाई जा रही हैं, क्या वह भी चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
भारतीय जनता पार्टी को अब यह स्पष्ट करना होगा कि पिछले 08 वर्षों में उन्होंने किस आधार पर जनता से इतना कर वसूला, और क्यों अब अचानक उन्हें जनता की “भलाई” की याद आ रही है।
हम भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि यदि सही मायने में भाजपा सरकार की टैक्स निति जनहितैष नीति थी तो GST के पूरे ढांचे की लोक आयोग से स्वतंत्र जांच करवाई जाए, ताकि जनता के सामने यह आ सके कि किस प्रकार इस कर (टैक्स) प्रणाली के माध्यम से आम जनता पर आर्थिक अत्याचार हुआ।
इसलिए हमारे नेता राहुल गांधी जी GST को गब्बर सिंह टैक्स कहा करते थे।
जिस प्रकार से प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में कहा कि GST के स्लैप कम होने से हर परिवार को प्रतिमाह लगभग ₹7000 का बचत होगा। उस हिसाब से देखा जाए तो 7000* 12 = 84000 प्रति वर्ष के हिसाब से 84000 *8=6,72,000 रु (छः लाख बहत्तर हजार रूपए ) प्रति परिवार से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अब तक लूट लिया है और थोड़ा सा GST का स्लैब कम करके चुनावी लाभ लेने का नाकाम प्रयास करने जा रही है