सरकार पंजीयन विभाग में आम जनता की सुविधा, सेवा हेतु 10 नई सुविधाएं की है पहल- मंत्री श्री ओपी चौधरी

जगदलपुर 17 मई . रजिस्ट्री में 10 क्रांतियां के लिए कार्यशाला का आयोजन जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला में वित्त,वाणिज्यकर (पंजीयन) मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि सरकार लोगों के जीवन में बदलाव के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है, इसी प्रक्रिया में पंजीयन विभाग में आम जनता की सुविधा, सेवा हेतु 10 नई सुविधाएं की पहल की है। रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो आम जनता की आवास या जमीन की आवश्यक दस्तावेजों के लिए जरूरी है। पंजीयन विभाग में सुविधाओं हेतु तकनीक का उपयोग कर व्यक्तियों को कार्यालय से सुखद अनुभव के साथ वापस जाए। नवीन सुविधाओं में जमीन के रिकॉर्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की पहल किया जा रहा है। सरकार सुगम ऐप का संचालन कर आमजनों को जमीन की खरीदी बिक्री की सुविधा दे रही, साथ ही विक्रय वाले स्थल में पेड़ों पर पंजीयन शुल्क का जीरो किया गया है। सभी राजस्व रिकॉर्ड को डिजिटाइजेशन करने की प्रक्रिया किया जा रहा है। पंजीयन के लिए पुराने नियमों को परिवर्तित किया गया है। उन्होंने कहा कि 10 नई सुविधा के सफल क्रियान्वयन में तहसीलदार, राजस्व विभाग की और पंजीयन विभाग की जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा सभी पंजीयन कार्यालय को कार्पोरेट सेक्टर वाली सुविधाएं देने की पहल की जा रही है। साथ ही विभागीय सेटअप को भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। मंत्री श्री चौधरी ने नए प्रावधानों के संबंध में चर्चा किए।

कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्री संजय पांडेय एवं समस्त जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, कलेक्टर श्री हरिस एस, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रतीक जैन,समस्त राजस्व अधिकारी, पंजीयन कार्यालय के अधिकारी सत्या कश्यप सहित अन्य उपस्थित रहे। कार्य शाला में पंजीयन विभाग द्वारा किए गए 10 नए सुधारों को लेकर के मास्टर ट्रेनर ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, बिल्डर्स – कॉलोनाइजर्स, अधिवक्ताओं, अधिकारियों व मीडिया प्रतिनिधियों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी तथा उनके शंकाओं का समाधान भी किया। इसके साथ ही उप पंजीयक श्रीमती सत्या कश्यप ने नए नियमों की विस्तृत जानकारी भी दी ।

पंजीयन विभाग ने आम जनता की सुविधा और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए सॉफ्टवेयर में 10 नई सुविधाएं शामिल की है जिसमें
1. फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन

क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।

2. रजिस्ट्री खोज एवं डाउनलोड

खसरा नंबर दर्ज कर संपति की पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और रजिस्ट्री दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे क्रेताओं को विवादित या बंधक जमीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी।

3. ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र

संपत्ति पर ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब ऑनलाईन भारमुक्त प्रमाण-पत्र के माध्यम से आसानी से ज्ञात की जा सकती है। कई शासकीय कार्यों एवं बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है।

4. स्टाम्प एवं रजिस्ट्री शुल्कों को कैशलेस भुगतान

अब स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का एक साथ यूपीआई, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से कैशलेस रूप से भुगतान किया जा सकता है। पहले दोनों का भुगतान अलग-अलग स्थान पर नकदी में किया जाता था।

5. व्हॉट्सअप सेवायें

रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग, दस्तावेज की स्थिति, पंजीयन पूर्ण होने की सूचना एवं रजिस्ट्री की प्रति व्हाट्सअप के माध्यम से स्वतः प्राप्त होगी। साथ ही व्हाट्सअप के माध्यम से रजिस्ट्री से संबंधित शिकायतें एवं फीडबैक भी दिया जा सकेगा।

6. डिजीलॉकर सेवायें

पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में डिजिटल रूप में संरक्षित रहेंगे, जिन्हें आवश्यकतानुसार कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा।

7. रजिस्ट्री दस्तावेजों का स्वतः निर्माण

पक्षकार द्वारा जानकारी भरने के पश्चात रजिस्ट्री दस्तावेज स्वतः जनरेट होगा एवं उप पंजीयक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

8. घर बैठे स्टाम्प सहित दस्तावेज निर्माण

डिजीडॉक सेवा के माध्यम से किरायानामा, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीकृत दस्तावेज अब घर बैठे डिजिटल स्टाम्प के साथ ऑनलाइन तैयार किये जा सकते हैं।

9. घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा

दस्तावेज निर्माण, स्टाम्प भुगतान और रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाईन होकर घर से ही पूर्ण की जा सकती है। अभी यह सेवा 10 प्रकार के दस्तावेजों जैसे रेंट एग्रीमेंट, मोर्गेज डीड आदि में शुरू की गई है। होम विजिट के माध्यम से पंजीयन कराए जाने की सुविधा तथा तत्काल आपाइंटमेंट सहित पारिवारिक दान, हक त्याग आदि में पंजीयन फीस मात्र 500 रुपए लिए जाने का प्रावधान है।

10. रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण

रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होते ही संबंधित क्रेता का नाम राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अलग से नामांतरण आवेदन, शुल्क या लंबी प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे नागरिकों के समय, प्रयास और खर्च तीनों की बचत होगी।

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