जगदलपुर, 11 नवंबर। स्कूल को ज्ञान का मंदिर माना जाता है, जहाँ विद्या की देवी सरस्वती साक्षात विराजमान हैं। शिक्षक इस पवित्र मंदिर के पुजारी होते हैं, लेकिन जब यही पुजारी घृणित कार्य करते हैं, तो समाज में ज्ञान का प्रकाश कैसे फैल सकता है? इस घृणित कृत्य की पराकाष्ठा तो यह है कि एक शिक्षक ने अपनी शराब की लत पूरी करने के लिए स्कूल की फुटबॉल तक बेच दी। मामला बकावंड विकासखंड के ग्राम पंचायत पाहुरबेल के अंतर्गत दामागुड़ा गाँव स्थित नवीन प्राथमिक विद्यालय का है। इस विद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही और अनुशासनहीनता ने गंभीर रूप ले लिया है। एक शिक्षक रोज़ाना शराब पीकर स्कूल आता है और बच्चों को बेरहमी से पीटता है। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में कार्यरत शिक्षक रोज़ाना शराब पीकर स्कूल आते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, उनके बाल खींचते हैं, उन्हें पीटते हैं और स्कूल की संपत्ति का दुरुपयोग करते हैं। बच्चों ने यह भी बताया कि स्कूल में फुटबॉल बेचकर शराब खरीदी जाती है और मध्याह्न भोजन की स्थिति भी बेहद खराब है। बच्चों का कहना है कि उन्हें बहुत कम खाना मिलता है, जिससे वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी बकावंड से की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर यादव ने शिक्षक चैतूराम का तत्काल वेतन रोकने का आदेश जारी किया और निलंबन का प्रस्ताव भेजा। ग्रामीणों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया और मांग की कि स्कूल में तुरंत एक नए शिक्षक की नियुक्ति की जाए ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई नियमित रूप से जारी रख सकें। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए तो स्कूलों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
शराब के लिए स्कूल की फुटबॉल बेच दी