जगदलपुर। 28 सितंबर. शहर के जाने-माने वरिष्ठ शिक्षक और पूर्व प्राचार्य नागेश्वर नायडू ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। 82 वर्षीय नायडू, जो लंबे समय तक प्राचार्य पद पर भी कार्यरत रहे, ने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था बच्चों को मजबूत आधार प्रदान करने में विफल हो रही है और शिक्षकों को भी गैर-शैक्षिक कार्यों में उलझा कर पढ़ाई से दूर किया जा रहा है। वे
बस्तर हाई स्कूल (शासकीय जगतु महारा शासकीय बहुदेशीय उच्च्तर माध्यमिक शाला) में लंबे समय तक शिक्षक रहे आज यह विद्यालय स्थापना के 100 साल मना रहा है.
नायडू ने कहा कि “पुराने दौर की शिक्षा पद्धति कहीं बेहतर थी। वह गुरु-केंद्रित शिक्षा थी, जिसमें छात्रों की ठोस पृष्ठभूमि तैयार होती थी। आज की तथाकथित छात्र-केंद्रित शिक्षा बच्चों में अनुशासन की कमी और अनुशासनहीनता को जन्म दे रही है।”
उन्होंने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में लागू सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) और ‘सर्वांगीण विकास’ जैसी अवधारणाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। नायडू के अनुसार, “बच्चों के सर्वांगीण विकास के नाम पर शिक्षा का पतन किया जा रहा है। शिक्षक को पढ़ाई की बजाय दूसरे कामों में उलझा दिया जाता है, जिससे उनका शैक्षिक योगदान कम हो रहा है।”