कोंडागांव , 11 मई . राज्य शासन के जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप के दिशा-निर्देश पर जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने 10 मई को सुदूर वनांचल मर्दापाल क्षेत्र का दौरा किया। यह पहली बार है जब विभाग के इस स्तर के वरिष्ठ अधिकारी ने सुदूर वनांचल क्षेत्र का भ्रमण कर क्षेत्रीय जल संसाधनों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।उल्लेखनीय है कि माओवाद प्रभावित बस्तर की सिंचाई योजनाओं हेतु प्रदेश के लिए बनाई गई विकसित भारत-2047 की कार्ययोजना में बस्तर संभाग को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है।इस संबंध में जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप ने शुक्रवार को विभागीय सचिव श्री राजेश टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इंद्रजीत उइके के साथ जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की जगदलपुर सर्किट हाउस में बैठक लेकर विभागीय कार्ययोजना की समीक्षा की थी। मंत्री का पूरा जोर नदी-नालों में, जल प्रबंधन कर सिंचाई क्षेत्र में विस्तार था। बैठक में अगले तीन वर्ष में निर्मित सिंचाई योजनाओं के रखरखाव, नवीन सिंचाई योजनाओं का निर्माण और प्रस्तावित योजनाओं की प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति के लिए समयसीमा में प्रक्रिया पूरी करने तथा नई योजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन डीपीआर तैयार करने पर विस्तार से चर्चा हुई थी।बैठक उपरान्त अगले ही दिन सचिव श्री टोप्पो ने मर्दापाल अंतर्गत कुरुषनार व्यपवर्तन योजना का निरीक्षण किया तथा स्थानीय अधिकारियों से योजना की प्रगति एवं संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।इस अवसर पर सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि बस्तर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में जल संसाधनों का सुनियोजित उपयोग कर कृषि और आजीविका को मजबूती प्रदान की जा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्रीय भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक और प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाए।
पहली बार सचिव स्तर के अधिकारी मर्दापाल पहुंचे
