जगदलपुर 20 जुलाई . पी. सुंदरराज, आईजी, बस्तर रेंज ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान बेहद संवेदनशील होते हैं। सोशल मीडिया पर जानकारी लीक होने से न केवल ऑपरेशन विफल हो सकते हैं। बल्कि हमारे जवानों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। इसीलिए सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। जवानों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
उन्होंने बताया कि नक्सल ऑपरेशनों के दौरान कई ‘जवान मोबाइल से वीडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर रहे थे। विशेषकर नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के कई डीआरजी जवानों के वीडियो लाखों व्यू पा रहे थे। इनमें से कुछ वीडियो ऑपरेशन के ठीक बाद के थे, जिसमें हथियार, मुठभेड़ की जगह, जंगल का रास्ता, यहाँ तक कि घायल या मारे गए नक्सलियों के दृश्य भी शामिल थे। इससे सुरक्षाबलों की गतिविधियों की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचने की आशंका बढ़ गई थी !
वीडियो वायरल होने से गोपनीयता भंग-पी सुन्दरराज

उनका कहना है कि सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं, अब 2 ऑपरेशन के दौरान जवान अपने मोबाइल फोन का प्रयोग भी केवल आपात स्थिति या संपर्क के लिए कर सकेंगे! वीडियो बनाना, फोटो खींचना और किसी भी तरह की रिकॉर्डिंग पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऑपरेशन के बाद सभी मोबाइल्स की जांच की जा रही है कि कोई वीडियो रेकॉर्ड तो नहीं हुआ।
जवानों की सोशल मीडिया गतिविधि को लेकर अधिकारियों ने चिंता जताई। इसके बाद सातों जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव, कांकेर और बस्तर में तैनात जवानों को स्पष्ट आदेश जारी किए गए कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद करें और भविष्य में किसी भी प्रकार की ऑनलाइन एक्टिविटी से दूर रहें।