जगदलपुर, 21 जून . छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राशन दुकानों में ई-पॉस मशीनों के माध्यम से वितरण की प्रणाली जनहित की जगह जनता के विपरीत सिद्ध हो रही है। वर्तमान में इन मशीनों के सर्वर बार-बार डाउन होने और फिंगरप्रिंट न पहचाने जाने की वजह से एक-एक हितग्राहियों को छह से सात बार तक अंगूठा लगाना पड़ रहा है, तब कहीं जाकर उन्हें राशन मिल पाता है वह भी कभी-कभी मिलता ही नहीं है।
यह स्थिति न केवल असुविधाजनक है, बल्कि यह सरकार की तकनीकी लापरवाही और जनभावनाओं के प्रति संवेदनहीनता को भी उजागर करती है। विडंबना यह है कि पहले की सरकारें जहां व्यक्ति को‘अंगूठाछाप’ से ‘हस्ताक्षरी’बनाकर उसे शिक्षित होने का गौरव देती थीं वहीं आज की सरकार शिक्षित व्यक्तियों से भी जबरन अंगूठा लगवाकर उनकी शिक्षा और गरिमा का उपहास कर रही है
यदि तकनीकी संसाधन इतने असफल हैं कि वे मूलभूत सेवा – राशन वितरण – को भी समय पर और सम्मानपूर्वक उपलब्ध नहीं करा पा रहे, तो यह सरकार की प्राथमिकताओं और प्रशासनिक तैयारियों को पूर्ण रूप से विफल साबित कर रही है। गरीब और जरूरतमंद जनता को राशन के लिए ग्रामीणों को कई किलो मीटर पैदल चलकर लेने आना पड़ता है। घंटों लाइन में लगना, बार-बार अंगूठा लगाना और अंत में खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
हम सरकार से मांग करते हैं कि
ई-पॉस मशीनों की तकनीकी खामियों को तत्काल दुरुस्त किया जाए। कई बुजुर्ग माताएं बहने एकांकी महिला पुरुष और अन्य बीमार लोग जिनको बीमारी जैसे कोड,लकवा, दिव्यांगता जैसी अन्य परेशानियों के कारण से फिंगर प्रिंट नहीं ले पता है तो दुकान संचालक के द्वारा राशन देने में असमर्थता व्यक्त करता है जबकि ऐसे हितग्राही वास्तविक जरूरतमंद होते हैं
फिंगरप्रिंट आधारित प्रणाली के अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराए जाएं–जैसे पहचान पत्र सत्यापन से वितरण किया जावे। मशीन खराब होने की स्थिति पर हस्ताक्षर के माध्यम से वितरण किया जाए
राशन वितरण में देरी और हितग्राहियों के प्रति अपमानजनक प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।*जनता को सम्मान देना और उनकी गरिमा की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। मशीनरी तकनीक के नाम पर आमजन को अपमानित करना कतई स्वीकार्य नहीं होगा। सरकार तत्काल राशन वितरण प्रणाली को पूर्व की भांति सुचारू और सुलभ बनाए ताकि ग्रामीण अंचलों और शहरी क्षेत्रों के हितग्राहियों को राशन लेने में हो रही परेशानियों से निजातिल सके। देखना यह है कि इस और सरकार की इच्छा शक्ति कितना काम करती है।
राशन वितरण में मशीनों की विफलता से जनता परेशान – सरकार शिक्षितों को बना रही ‘अंगूठाछाप’: राजेश चौधरी
