
जब तक सभी पसमांदा तबकों में इत्तेफाक व इत्तेहाद नहीं होना, पसमांदा तहरीक को सफलता मिलना नामुमकिन है: एम. डब्ल्यू, अंसारी (आई.पी. एस) रिटायर्ड डी. जी
पिछड़े में तो बस एक ही दो लीडर होते है पिछडे में तो बस ब्रेकर ही ब्रेकर होते हैं जगदलपुर, 11 अप्रैल. बरसों से सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और राजनीतिक वंचनाओं का शिकार पिछड़ा तबका देश की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। इन वंचनाओं की एक बड़ी वजह इन लबकों की अंदरूनी बंटवारा (खींचतान)…