जगदलपुर, 03 दिसम्बर । चित्रकोट में मॉडल शौचालय निर्माण को लेकर सरपंच पर लगाए गए आरोपों एवं उनके खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर को लेकर सुकमा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश कवासी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। श्री कवासी ने कहा है कि शासन, प्रशासन द्वारा बस्तर के जागरूक और पढ़े लिखे जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाने और उन्हें डराने धमकाने का काम भाजपा सरकार कर रही है। पांचवीं अनुसूची और पेशा कानून का उल्लंघन कर अधिकारी स्थानीय शासन और जनप्रतिनिधियों पर अपनी मर्जी थोप रहे हैं।
श्री कवासी ने कहा कि ग्राम पंचायत चित्रकोट के सरपंच पर जिस प्रकार बिना पूर्ण तथ्यात्मक जांच के एफआईआर दर्ज की गई है, वह प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर गंभीर प्रश्न खड़ा करती है। मामला पंचायत की अनुमति के बिना ही चित्रकोट में मॉडल शौचालय निर्माण कार्य कराए जाने का है। इसे लेकर सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधियों के सवाल पूछने पर एसडीओ, ठेकेदार द्वारा विवाद की स्थिति उत्पन्न कर सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि बस्तर 5वीं अनुसूचित क्षेत्र है और यहां ग्रामसभा की अनुमति के बिना कोई कार्य नहीं कराया जा सकता। जनप्रतिनिधियों द्वारा पांचवीं अनुसूची और पेशा कानून के तहत कार्य को रोके जाने से इस तरह की कार्रवाई कराया जाना उचित नहीं है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहा है कि एसडीओ, ठेकेदार द्वारा चित्रकोट में ग्रामसभा की बिना अनुमति के मॉडल शौचालय निर्माण कार्य कराना 5वीं अनुसूचित क्षेत्र और पेसा कानून का उल्लंघन है। इसको लेकर जागरूक सरपंच द्वारा निर्माण कार्य के संबंध में सवाल पूछने पर, एफआईआर करवा देना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में चल रहे विकास कार्य जनहित के लिए होते हैं और सरपंच हमेशा पारदर्शिता के साथ काम करते आए हैं। मॉडल शौचालय निर्माण सहित अन्य कार्य पंचायत की सहमति और ग्रामीणों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर किए जाने चाहिए।
पढ़े लिखे और जागरूक जनप्रतिनिधियों टारगेट कर रहे हैं अफसर: हरीश