माओवादियों ने नक्सल क्रुर विचारधारा से तंग आकर किया आत्मसमर्पण

नारायणपुर, 07 मार्च . नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर आज दिनांक 07.03.2025 को श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री मो0 ओबैदुल्लाह खान सेकेण्ड इन कमान 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री संजीव कुमार द्वितीय कमान अधिकारी 135वी वाहिनी बी एस एफ, अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.), श्री सुशील कुमार नायक, श्री ऐश्वर्य चन्द्रकार, श्री जितेन्द्र कुमार खंतवाल उप सेनानी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री अनिल चव्हाण सहायक सेनानी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, उप पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत देवांगन, श्री आशीष नेताम, श्री कुलदीप बंजारे, श्री अविनाश कवंर, सुश्री अमृता पैकरा, नारायणपुर के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किये। आत्मसमर्पण करने पर सभी को प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर जिला पुलिस बल, आईटीबीपी एवं बीएसएफ के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
एसपी नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ‘‘माड़ बचाओ अभियान” ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।

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