जगदलपुर/
बस्तर मुख्यालय जगदलपुर का प्रसिद्ध लामनी पार्क, जिसे बच्चों और परिवारों के लिए एक मनोरंजन स्थल के रूप में जाना जाता है, अब कथित तौर पर अत्यधिक वसूली का केंद्र बन चुका है। पार्क में आने वाले अभिभावकों और बच्चों को प्रवेश से लेकर अंदर की गतिविधियों तक, हर कदम पर मनमानी कीमतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सुविधाओं के नाम पर उन्हें सिर्फ जर्जर और खतरनाक सामान मिल रहा है।
गेट से लेकर झूले तक, हर कदम पर वसूली
पार्क में प्रवेश करने से पहले ही आगंतुकों की जेब पर बोझ पड़ना शुरू हो जाता है। सबसे पहले ’’गाड़ी पार्किंग का शुल्क’’ 10 रूपए बाईक और अन्य वाहनों के लिए अलग शुल्क है पार्क के गेट पर शुल्क रेट चस्पा कर दिए गए हैं जिसे हर व्यक्ति को देना होता है।
जिसके बाद 20 रूपए एंट्री टिकट लेना अनिवार्य है। पार्क के अंदर, बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाए गए झूलों और अन्य गतिविधियों के लिए अलग से शुल्क लिया जा रहा है जो 40 रूपए है । तस्वीरों में दिखाए गए झूले के के लिए 40 रूपए कैश लिए जा रहें हैं। जिसका कोई हिसाब नहीं ,न ही रसीद मिलती है।
स्थानीय निवासियों और पार्क में आने वाले परिवारों का आरोप है कि गेट से लेकर पार्क के अंदर तक, हर कोई उन्हें लूटने बैठा है। नाम न छापने की शर्त पर एक अभिभावक ने बताया, ’लामनी पार्क में अगर बच्चों को ले जा रहें हैं आपको बहुत पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं, जबकि सुविधाएं शून्य हैं। यह लूट का बाज़ार बन चुका है।’’
जर्जर और खतरनाक सामान चोट लगने का खतरा
इतना पैसा खर्च करने के बावजूद, आगंतुकों को मिलने वाली सुविधाओं की स्थिति बेहद निराशाजनक और चिंताजनक है। पार्क में लगी ’’कुर्सियां टूटी-फूटी हैं’’, और बच्चों के झूले व अन्य उपकरण ’’जंग लगे हुए’’ हैं जिसमें कभी भी दुर्घटना हो सकती है । पूरा पार्क मेंटेनेंस मांग रहा है। जिसकी भारी कमी है।
यह स्थिति न केवल पार्क के रखरखाव पर सवाल उठाती है, बल्कि बच्चों की ’’सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा’’ पैदा करती है। टूटे-फूटे और जंग लगे सामान से बच्चों को चोट पहुँचने की आशंका बनी रहती है।