जगदलपुर /सितंबर के अखिरी महिनों से शुरू हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रिहर्सल की परीक्षा 22 नवम्बर को हुई जब विद्या ज्योति स्कूल ने अपना वार्षिकोत्सव मनाया । भारी संख्या में पालक और अभिभावक ये देखने में जुटे कि आखिर उनके बच्चों का महिने भर से ज्यादा चला रिहर्सल किस मुकाम पर पहुँचा । पालक मीनू झा कहती हैं कि मेरी बेटी ने अच्छा परफार्म किया । शिक्षकों ने बहुत अच्छा सिखाया । मंच से प्राचार्य फादर एंटनी ने कहा कि 106 शिक्षकों का समूह बच्चों को तैयार करने में लगा हुआ था । किताबी ज्ञान के अलावा अन्य गतिविधियो में भी हमारे बच्चे अव्वल हैं।
जगदलपुर के दंतेश्वरी वार्ड में स्थित विद्या ज्योति स्कूल की स्थापना 2000 में एक छोटे से भवन से शुरू हुई थी और हाल ही में सिल्वर जुबली मना चुका यह विद्यालय आज जगदलपुर के दस बड़े स्कूलों में गिना जाता है।
संस्था के वरिष्ठ शिक्षक बिनिश अब्राहम कहते हैं किड्स कार्निवल में कई आयोजन हुए है जिनमें नृत्य,संगीत और नाट्य प्रहसन इत्यादि शामिल है।
हजारों की संख्या में माता-पिता ,बच्चे अपने रिश्तेदारों के साथ आए थे इतनी संख्या में जुटी भीड़ को संभालना आसान काम नहीं थी । इसके लिए विद्यालय प्रबंधन ने शिक्षकों और कुछ बच्चों को जिम्मेदारी सौंपी थी ।
ये जिम्मेदारी सालों से संभाल रहे पीटीआई अब्दुल मोईन कहते हैं मै कभी भी स्टेज पर कार्यक्रम देख नहीं पाता । यहां ट्रेफिक व्यवस्था देखने में समय लग जाता है।
बच्चों के कार्यक्रमों में एक रसता देखने को मिली । कार्यक्रम के तत्काल बाद अभिभावक अपने बच्चों को लेकर सीधे घर चले गए मानों उन्हें अन्य कार्यक्रमों से कोई लेना-देना न हों । इससे यह पता चलाता है कि किड्स कार्निवल का पूरा कायर्कम दर्शकों को बांधे रखने में असमर्थ साबित हुआ। । अंत तक वही डटे रहे जिनके बच्चे या शिक्षकों का कायक्रम था।
हांलाकि कार्यक्रम के दौरान अपने बच्चों की नजदीक से तस्वीरें और विडियो बनाने की बड़ी होड़ भी पालकों में देखने को मिली जिन्हें वालंटिअर्स बने स्कूल के छात्र समझाते भी दिखे। ताकि अन्य लोगों को कायक्रम देखने में मुश्किल न हों
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के ले जाने के लिए पालकों को बच्चों को सौपने की एक व्यवस्था बनाई गई थी। हर पालक को अपने बच्चें को लेने के लिए एक प्रकिया से गुजरकर जाना होता था। जिसके तहत रिटायरिंग रूम में शिक्षकों की निगरानी में पालक अपने बच्चों को लेकर अपने घर जा सकते थे। जिसे लेकर काफी गहमा-गहमी देखने को मिली । हर कोई अपने बच्चों को पहले ले जाना चाहता था।
पहले कार्यक्रम के बाद से ही पालके अपने बच्चों को लेकर लौटते गए । और पंडाल में दर्शकों की संख्या कम होती गई। छोटे बच्चों को भी एंकरिंग की जिम्मेदारी मिली थी जिसे बच्चों ने बखूबी निभाया । यह अच्छी ट्रेनिंग को यह बताता है।
क्या है किड्स कार्निवल
किड्स कार्निवल खास तौर पर बच्चों के लिए ऑर्गनाइज़ किया जाने वाला एक मज़ेदार इवेंट है, जिसमें गेम्स, एक्टिविटीज़, एंटरटेनमेंट और फ़ूड स्टॉल्स होते हैं। यह आमतौर पर स्कूलों, कम्युनिटी ग्राउंड्स, क्लब्स या पार्क्स में होता है।
इस अवसर पर बच्चों को खेल कूद और अन्य गतिविधियों के लिए पुरस्कार भी मिले 10 वीं बी की छात्रा मोनिका ने बताया कि खेलकूद में अव्वल आने पर मुख्य अतिथि के हाथों मुझे आज पुरस्कृत किया गया ।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमत्रित आईपीएस सुमित कुमार ने मंच से पालक अभिभावक और शिक्षकों को बच्चों के करिअर निर्माण में भूमिका की बातें कहीं और जिले बच्चों में बढ़ते नशे की लत पर चिंता जाहिर की । सुमित कुमार के अलवा कैथलिक डयसिस के बिशप जोसेफ कोल्लेम परमपिल और सीएम आई प्रोविंशल फादर संतोष मौजूद थे।
कीड्स कार्निवल का यह कार्यक्रम नीरस सही मगर अच्छी टीमवर्क को बताता है ।