जगदलपुर , 14 सितम्बर . डॉ सुशील दत्ता, प्रो प्राणी विज्ञान विभाग ने बताया कि बस्तर का घना जंगल हाथियों के लिए कॉरिडोर बन सकता है, क्योंकि बस्तर कांकेर से लगा हुआ है, और घना जंगल है।
उन्होंने कहा कि कांकेर से कोंडागांव के अमरावती होते हुए हाथियों का दल आसानी से बस्तर पहुंच सकता है, क्योंकि बस्तर के जंगलों में मानव दखल कम है।
बस्तर में वैसे तो हाथियों को छोड़कर कई तरह के जंगली जानवर पहले से मौजूद हैं।इसका प्रमुख कारण घना जंगल और पानी है, क्योंकि बस्तर के जंगल में जगह-जगह नालों की मौजूदगी हैं और गर्मी के सीजन में भी अधिकतर नालों में पानी रहता है। वहीं इन्द्रावती टाइगर रिजर्व इलाके से होकर ही इन्द्रावती नदी गुजरती है, जिससे यह इलाका हाथियों के लिए उपयुक्त रहवास वाली जगह हो सकती है।
कांकेर तक अपनी दस्तक दे दिए हैं। बस्तर हाथियों के लिए होम रेंज की सारी सुविधाएं उपलब्ध है, इसलिए इन्द्रावती टाइगर रिजर्व तक जल्द ही पहुंचने से इंकार नहीं किया जा सकता।
हाथियों का नया बसेरा बन सकता है इन्द्रावती टाइगर रिजर्व
