जगदलपुर , 6 जुलाई 2025 – आदिवासी परंपराओं और श्रद्धा का प्रतीक बस्तर गोंचा महापर्व शनिवार को बाहुड़ा गोंचा के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भाई बलभद्र की भव्य रथयात्रा निकाली गई, जिसमें जनसैलाब उमड़ पड़ा।
तीनों देवों के विशालकाय रथों को श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रीति से खींचा और बस्तर की प्रसिद्ध तुपकी सलामी के साथ रथयात्रा का स्वागत किया गया। सिरहासार चौक से शुरू हुई इस यात्रा के दौरान भक्तों में उत्साह देखते ही बनता था। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए और भक्ति भाव से सहभागी बने।
बस्तर का गोंचा पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक बन चुका है। गोंचा के रथों में समाई आस्था, गूंजते पारंपरिक वाद्य, और सजीव लोक परंपराएं इस पर्व को अनोखी गरिमा प्रदान करती हैं।
बाहुड़ा गोंचा के साथ संपन्न हुआ बस्तर का ऐतिहासिक गोंचा महापर्व

इस अवसर पर सांसद महेश कश्यप ने कहा “बस्तर गोंचा महापर्व 618 वर्षों से लगातार मनाया जा रहा है। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसमें बस्तर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपराएं भी जीवंत रूप में दिखाई देती हैं।