क्या जनप्रतिनिधि यहां सरकार की दलाली कर रहें है? दीपक बैज

कुर्सी की मोह से मुंह बंद है जनप्रतिनिधियों की : दीपक बैज

नक्सलवाद से निपटने के बहाने बस्तर की खनिज संपदा को अपने चहेते उद्योगपतियों को बेच रहे

जगदलपुर
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद दीपक बैज ने जगदलपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि नक्सलवाद से निपटने के बहाने बस्तर की खनिज संपदा को अपने चहेते उद्योगपतियों को बेच दिया गया है।

बैज ने आरोप लगाया कि बस्तर में उद्योगपतियों का खुले दिल से स्वागत किया जा रहा है ताकि वे इसके समृद्ध खनिज भंडार का दोहन कर सकें। उन्होंने दावा किया, बस्तर में अडानी का प्रवेश आसन्न है। इस कंपनी ने रुग्टा और आर्सेलर मित्तल जैसी अन्य कंपनियों के साथ मिलकर भाजपा को भारी मात्रा में दान दिया है – प्रत्येक ने 50 करोड़ रुपये। बैज के अनुसार, भाजपा सरकार अब नीतिगत एहसानों के जरिए इन दानों का भुगतान कर रही है।

बारह में से आठ विधायक की चुप्पी क्यों है?

उन्होंने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की चुप्पी की भी आलोचना की। बैज ने कहा, बस्तर से बारह में से आठ विधायक हैं, फिर भी एक भी नहीं बोला। एक भी मंत्री या पार्टी अध्यक्ष ने यह नहीं कहा कि निजी कंपनियों को संसाधन सौंपना सही है या गलत। वे इस बात पर पूरी तरह चुप हैं कि रुग्टा और आर्सेलर मित्तल के खिलाफ कार्रवाई उचित है या नहीं।
शिक्षा क्षेत्र की बात करें तो बैज ने राज्य भर में 10,463 स्कूलों को बंद करने की निंदा की, जिसमें अकेले बस्तर संभाग में 1,629 स्कूल शामिल हैं।

दीपक बैज के सवाल

उन्होंने सवाल किया,  स्कूलों को बंद करने की क्या जरूरत थी? क्या हमारे चुने हुए नेता दलालों की तरह काम कर रहे हैं या वे लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं? बैज ने सरकार पर बस्तर को व्यवस्थित रूप से लूटने और लोगों की परेशानियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, दंतेवाड़ा कलेक्ट्रेट की घेराबंदी के दौरान हमें जो भारी जनसमर्थन मिला, वह इस बात का सबूत है कि बस्तर के लोगों का धैर्य जवाब दे चुका है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील और संसाधन संपन्न क्षेत्रों में से एक में शासन, आदिवासी अधिकारों और संसाधनों के दोहन को लेकर चिंता जाहिर की गई ।

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