पक्षपात पूर्ण भर्ती ,कुलपति को हटाकर जांच की जाए -संतोष बाफना

जगदलपुर, 17 जून . शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर में प्राध्यापकों की सीधी भर्ती प्रक्रिया को लेकर क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता संतोष बाफना ने इसे आरक्षण घोटाला बताते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल रमेन डेका व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त करने एवं कुलपति प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव को तत्काल पद से हटाने की मांग की है।

इस मामले को लेकर पूर्व विधायक संतोष बाफना का कहना है कि, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नियमों को ताक में रखकर भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया एवं नियमों के विरूद्ध अंसवैधानिक तरीके से अपने पंसदीदा उम्मीदवारों को लाभ पहुॅचने के लिए भारी अनियमितताएं एवं पक्षपातपूर्ण तरीके से भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया गया।

शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में नियमों के तहत् स्वीकृत रिक्त पदों की संख्या में अवैध तरीके से फेरबदल करते हुए नियम विरूद्ध 1 सह-प्राध्यापक के स्थान पर 2 सह-प्राध्यापक एवं 4 व्याख्याता के स्थान पर 4 सहायक प्राध्यापक पद की जारी विज्ञापन में संख्या दिखाई गई। और इन पदों पर भी आरक्षण रोस्टर बनाते समय नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से आरक्षण रोस्टर पूरी तरह से गलत हो गया, क्योंकि व्याख्याता और सहायक प्राध्यापक दोनों के ही पदनाम अलग-अलग हैं बल्कि दोनों पदों के वेतनमान में भी काफी अंतर है। तथा जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण तथा राष्ट्रीय संस्थानों से पीएचडी प्राप्त आदिवासी महिला एवं विकलांग उम्मीदवार को अयोग्य घोषित कर दिया गया, इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार का चयन किया गया, जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार के साथ सीधा अन्याय है, इससे न केवल संविधान की भावना का उल्लंघन हुआ है बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह रवैया आरक्षण नीति के खिलाफ भी है।

शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर के कुलपति प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव की भूमिका सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया के दौरान भ्रष्टाचार से युक्त संलिप्त व संदेहास्पद नजर आती है क्योंकि भर्ती के दौरान नियमों को ताक में रखकर की गई तमाम गड़बड़िया बिना कुलपति की दखल के संभव ही नहीं है। उम्मीदवारों के चयन से लेकर नियुक्ति एवं पदभार ग्रहण करने तक के फैसले कुलपति द्वारा लिए गये। एवं उनके विरूद्ध इन शैक्षणिक पदों की भर्ती में लाखों रूपये प्रत्येक पद हेतु घूस लेने की शिकायतें तक समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं।

पूर्व विधायक बाफना ने कहा है कि, शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भर्ती प्रक्रिया में की गई इस प्रकार की गड़बड़ी व लापरवाही के चलते न केवल अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला एवं विकलांग वर्ग के योग्य उम्मीदवारों को मानसिक आघात पहुॅचा है, बल्कि उनके भविष्य पर भी संकट खड़ा हो गया है। इस संबंध में प्रभावित उम्मीदवारों ने उच्च स्तर पर पत्राचार के माध्यम से अपनी बात पहुॅचाई, लेकिन पत्राचार के अतिरिक्त अब तक इस मामले पर कोई भी समाधान नहीं हुआ। इससे योग्य उम्मीदवारों की यह आशंका और भी अधिक गहरी होती जा रही है और यह पूरा मामला एक आरक्षण घोटाला की तरह प्रतीत हो रहा है। जिसमें एक वर्ग का हक काटकर दूसरे वर्ग को लाभ पहुॅचाने की कोशिश की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए बाफना ने कुलाधिपति व राज्यपाल रमेन डेका व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर में प्राध्यापको की सीधी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने एवं कुलपति मनोज श्रीवास्तव की संलिप्त व संदेहास्पद भूमिका के लिए उन्हें तत्काल पद से हटाने व संदेही चयनित उम्मीदवारों के चयन की निष्पक्षता से जांच हेतु समिति का गठन करने और मामले में दोषी पाए जाने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन के संलिप्त अधिकारियों पर भी कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग की है।

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