पिछले दिनों डॉ. राम कुमार बेहार का असामयिक निधन रायपुर मे हो गया है, उनके असामयिक निधन पर स्थानीय ‘बस्तर माटी’ तथा ‘बस्तर लोक संस्कृति संरक्षण समिति’ के सदस्यों ने स्थानीय राजा रुद्र प्रताप देव लाइब्रेरी में एकत्र होकर शोकसभा आयोजन करके उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की l
श्री बेहार जी जगदलपुर (बस्तर ) में वर्ष 1970 से 1992 तक अपनी सेवाएं दी । बस्तर में रहते हुए उन्होंने आदिवासी विद्रोह विषय पर शोध कार्य के लिए पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा वर्ष 1987 में पीएच-डी. की उपाधि प्रदान की गयी थी। डॉ. बेहार प्राचार्य के पद से 2008 में सेवानिवृत्त हुए तथा स्वतंत्र लेखन में लगे हुए थे । उनकी प्रकाशित प्रमुख पुस्तकों में बस्तर के इतिहास के संदर्भ में प्रकाशित ‘ उनकी पुस्तक बस्तर -आरण्यक , बस्तर एक अध्ययन, गुंडाधुर बस्तर का जननायक, कांकेर का इतिहास,आदिवासी आंदोलन और प्रवीरचंद भंजदेव, ‘छत्तीसगढ़ का इतिहास, ‘आदिवासी बस्तर : इतिहास एवं परम्पराएं ‘ आदि उनकी प्रमुख पुस्त हैं l डॉ .रामकुमार बेहार कवि ,कहानीकार और उपन्यासकार भी थे l
इस अवसर पर बस्तर माटी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष रुद्र नारायण पाणिग्रही संस्था के संरक्षक एस करीमुद्दीन, दशरथ कश्यप, सुभाष पांडे, नरेंद्र पाढ़ी, विक्रम कुमार सोनी, नारायण सिंह बघेल, महेंद्र पांडे, बिंदेश सोनी, भूपेंद्र पाणिग्राही, श्रीमती चंचला सावरकर, श्रीमती पार्वती शर्मा, श्रीमती पूर्णिमा सरोज, श्रीमती हितप्रिता ठाकुर आदि मौजूद थे l
डा. राम कुमार बेहार को ‘बस्तर माटी’ ने दिया- भावभीनी श्रद्धांजलि