बस्तर अब नक्सल नहीं, खेल, शांति और विकास का प्रतीक

रायपुर 16 अगस्त . देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की नई पहचान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बस्तर का नाम आते ही नक्सलवाद और हिंसा की छवि सामने आती थी, लेकिन अब यह क्षेत्र बदलाव की मिसाल बन चुका है।

बस्तर में अब बंदूक नहीं, खेलों की गूंज

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बस्तर के नौजवान अब बंदूक नहीं, खेलों के मैदान में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों ने यहां के युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा और जोश को एक नई दिशा दी है। उन्होंने इस परिवर्तन को सुरक्षा, विकास और जनता की भागीदारी के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया।

नक्सलवाद सिमटा, देश ने पाई राहत

पीएम मोदी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर बात करते हुए बताया कि एक समय देश के कई हिस्से नक्सलवाद की चपेट में थे, जिससे विकास अवरुद्ध हो गया था। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 125 से घटकर केवल 20 रह गई है, जो सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के ठोस प्रयासों का परिणाम है।

बस्तर बन रहा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

प्रधानमंत्री ने कहा कि बस्तर में अब शिक्षा, खेल, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। यह क्षेत्र अब देश के लिए सिर्फ एक भूगोल नहीं, बल्कि शांति, प्रगति और गौरव की नई कहानी बन रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि बस्तर की यह नई पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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