जगदलपुर, 14 दिसम्बर । पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने बस्तर प्रवास के दौरान यहां की जनता को आश्वस्त करना चाहिए कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा। इससे प्लांट के लिए जमीन देने वालों के साथ ही लाखों बस्तरियों को राहत मिल सकेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम को स्थापित करने का सपना पांच- छह दशक से देखा जा रहा है। जैन के अनुसार यहां के लाखों लोगों ने जो स्वप्न देखा था वह 2019 में तब पूरा हुआ जब नगरनार स्टील प्लांट का लोकार्पण किया गया था। लोकार्पण के प्रारंभ से ही केंद्र की भाजपा सरकार इसे निजी हाथों में सौंपने का षडयंत्र कर रही है। इसे देखते हुए ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित करवाया था कि यदि केंद्र सरकार इस प्लांट के संचालन में स्वयं को अक्षम पाती है तो छत्तीसगढ़ सरकार इसे चला सकती है।
इस पर भी केंद्र की भाजपा सरकार ने अड़ंगा डालने का काम किया है। यही नहीं 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में नगरनार से पदयात्रा प्रारंभ कर निजीकरण के किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध किया गया था। पूर्व विधायक के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि यदि केंद्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण / विनिवेशीकरण नहीं करना चाहती है तो यहां बार-बार जिन्दल, आर्सलर मित्तल जैसी अनेकानेक कंपनियों का आगमन क्यों हो रहा है? श्री शाह के आश्वस्त करने से ही निजीकरण की चर्चा को विराम मिलेगा।
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