जगदलपुर 09 दिसम्बर . पुनर्वास के तहत मुख्यधारा में शामिल हो रहे माओवादी अब केवल हथियार नहीं, बल्कि उन्नत भविष्य, शिक्षा और रोजगार की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। जिला बीजापुर में पुनर्वास एवं कौशल उन्नयन कार्यक्रम के तहत आत्मसमर्पित माओवादियों को ट्रैक्टर चालन, सिलाई, बागवानी, पशुपालन सहित विभिन्न तकनीकी और स्वरोजगार आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह प्रयास उन्हें स्वावलंबी, सामाजिक रूप से सम्मानित एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।
इसी क्रम में आज प्रतिभागियों को बीजापुर स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी का भ्रमण कराया गया। यहाँ उन्हें पुस्तक पठन की आदत, विश्व ज्ञान की ओर प्रवृत्ति, मानचित्र अध्ययन, एवं अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित रोचक जानकारियाँ दी गईं। टेलीस्कोप के माध्यम से चाँद, तारे और ग्रहों का साक्षात अवलोकन कराते हुए उन्हें विज्ञान की नई दुनिया से परिचित कराया गया।
इस अनोखे अनुभव ने सभी प्रतिभागियों के मन में जिज्ञासा, उत्साह और जीवन सुधार की नई ऊर्जा का संचार किया। भ्रमण के दौरान सभी आत्मसमर्पित नक्सली अत्यंत प्रसन्न एवं प्रेरित दिखाई दिए।
कार्यक्रम के दौरान उप पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कुमार साहू तथा पुनर्वास केंद्र बीजापुर के संचालक श्री गौरव पांडे स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने प्रतिभागियों से संवाद कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
पुनर्वास कार्यक्रम न केवल उन्हें रोजगार और कौशल उपलब्ध करा रहा है, बल्कि मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक विकास पर भी समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि वे नए जीवन में मजबूती से स्थापित हो सकें।
सकारात्मक परिवर्तन के संदेश के साथ :-
हथियार छोड़कर समाज और परिवार के लिए जीने का निर्णय लेने वाले ये साथी आज साबित कर रहे हैं कि —
नफरत और हिंसा जीवन नहीं बदलती- ज्ञान, कौशल और अवसर ही नई दिशा देते हैं।
जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग ने पुनर्वास की दिशा में अपने सतत प्रयास जारी रखने का संकल्प दोहराया है, ताकि हर आत्मसमर्पित व्यक्ति खुशहाल, सुरक्षित व सम्मानित जीवन जी सके ।
यह कार्यक्रम बीजापुर में शांति, विकास और विश्वास को नई दिशा दे रहा है। समाज के हर वर्ग से अपील है कि मुख्यधारा में लौटकर जीवन बदलने वालों को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करें।