बीजापुर, 01 दिसंबर । नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में छत्तीसगढ़ शासन की “जन-जुड़ाव एवं विश्वास” पहल के तहत सुरक्षा बलों द्वारा ग्रामीणों के साथ सतत संवाद का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में 29 और 30 नवंबर 2025 को जिले के कई अंदरूनी गांवों में जन-संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए, ताकि विकास योजनाओं की जानकारी ज़मीनी स्तर तक पहुंचे, स्थानीय समस्याएं सुनी जा सकें और ग्रामीणों को माओवादी हिंसा से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा सके।
सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम के दौरान जवानों ने गांवों में चौपाल लगाकर शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यधारा में लौटने वाले माओवादी सदस्यों के लिए सरकार द्वारा शिक्षा, प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और सामाजिक पुनर्वास की ठोस व्यवस्था बनाई गई है। जवानों ने ग्रामीणों से यह भी आग्रह किया कि वे अपने परिवार या परिचितों में सक्रिय माओवादी सदस्यों को हिंसा छोड़कर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने के लिए प्रेरित करें।
सुरक्षा के नज़रिये से ग्रामीणों को यह संदेश भी दिया गया कि यदि जंगल या मार्गों पर कोई संदिग्ध वस्तु, व्यक्ति या गतिविधि दिखाई दे, तो वे बिना जोखिम उठाए तुरंत पास के थाना या सुरक्षा कैम्प को सूचना दें। चलित थाना (मोबाइल पुलिस यूनिट) के माध्यम से ग्रामीणों की समस्याएं मौके पर सुनकर उनके निराकरण का प्रयास भी किया गया।