जगदलपुर, 03 नवम्बर . प्रेस विज्ञप्ति में राजेश चौधरी नेता प्रतिपक्ष नगर निगम जगदलपुर में बताया कि संयुक्त संचालक राकेश पांडे द्वारा शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार — शिक्षकों में रोष, सरकार से तत्काल कार्यवाही की मांग। बस्तर संभाग में शिक्षा विभाग का माहौल उस समय अत्यंत तनावपूर्ण हो गया जब संयुक्त संचालक राकेश पांडे द्वारा महिला शिक्षकों सहित कई शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने की घटनाएं सामने आईं। इस घटना से आक्रोशित होकर सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं लामबंद होकर धरना-प्रदर्शन पर उतर आए और सरकार से राकेश पांडे को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की।
यह बस्तर संभाग के शिक्षा विभाग के इतिहास में पहला अवसर है जब ज्ञानदाताओं को किसी अधिकारी के विरोध में आंदोलन करना पड़ा। धरना प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों को यह आश्वासन दिया गया था कि राकेश पांडे को शीघ्र ही पद से हटाया जाएगा और उनके स्थान पर श्री सोम को पदस्थ किया जाएगा। किंतु आज दिनांक तक शासन द्वारा किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं किया गया है।
इस विषय को लेकर हमारे विधायक महोदय, सांसद महोदय एवं भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि मौन बैठे हुए हैं। उनका यह मौन शिक्षकों के प्रति उदासीनता एवं असंवेदनशीलता को दर्शाता है। यह अत्यंत खेदजनक है कि शिक्षकों के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण व्यवहार के प्रति भाजपा जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
यह भी समझ से परे है कि संयुक्त संचालक राकेश पांडे के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं, और कौन-सी शक्तियां हैं जो उन्हें संरक्षण दे रही हैं, जिससे वे सरकार से भी ऊपर प्रतीत हो रहे हैं। यदि ऐसे अधिकारी को तत्काल न हटाया गया तो यह न केवल शिक्षकों के सम्मान का हनन होगा, बल्कि छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ होगा। हम भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि संयुक्त संचालक राकेश पांडे को तत्काल पद से हटाया जाए और शिक्षकों के सम्मान की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
यह बस्तर संभाग के शिक्षा विभाग के इतिहास में पहला अवसर है जब ज्ञानदाताओं को किसी अधिकारी के विरोध में आंदोलन करना पड़ा। धरना प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों को यह आश्वासन दिया गया था कि राकेश पांडे को शीघ्र ही पद से हटाया जाएगा और उनके स्थान पर श्री सोम को पदस्थ किया जाएगा। किंतु आज दिनांक तक शासन द्वारा किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं किया गया है।
इस विषय को लेकर हमारे विधायक महोदय, सांसद महोदय एवं भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि मौन बैठे हुए हैं। उनका यह मौन शिक्षकों के प्रति उदासीनता एवं असंवेदनशीलता को दर्शाता है। यह अत्यंत खेदजनक है कि शिक्षकों के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण व्यवहार के प्रति भाजपा जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
यह भी समझ से परे है कि संयुक्त संचालक राकेश पांडे के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं, और कौन-सी शक्तियां हैं जो उन्हें संरक्षण दे रही हैं, जिससे वे सरकार से भी ऊपर प्रतीत हो रहे हैं। यदि ऐसे अधिकारी को तत्काल न हटाया गया तो यह न केवल शिक्षकों के सम्मान का हनन होगा, बल्कि छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ होगा। हम भाजपा सरकार से मांग करते हैं कि संयुक्त संचालक राकेश पांडे को तत्काल पद से हटाया जाए और शिक्षकों के सम्मान की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।