एच आर सोम संयुक्त संचालक शिक्षा

जगदलपुर / शिक्षा विभाग से बड़ी खबर सामने आ रही है। संयुक्त निदेशक राकेश पांडे को उनके पद से हटाए जाने की जानकारी मिल रही है। सूत्रों के अनुसार, उनके स्थान पर अब बस्तर संभाग के संयुक्त निदेशक एच. आर. सोम को नियुक्त किया जाएगा। इस बदलाव की खबर से लंबे समय से असंतुष्ट चल रहे शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। शिक्षकों की सोशल मीडिया पर यह खबर जोर पकड़ रही है कि अब राकेश पांडे बस्तर के जेडी नहीं हैं।
बताया जा रहा है कि राकेश पांडे के कार्यकाल के दौरान शिक्षकों के साथ उनके कथित तानाशाही रवैये और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विवादों में थे। शिक्षक संघ ने उनके खिलाफ कई बार आवाज उठाई थी। हाल ही में शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की थी और स्थानीय विधायक को ज्ञापन भी सौंपा था।
शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष गजेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले दो महीनों से संयुक्त निदेशक लगातार शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कर रहे थे। दीपावली के बाद आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी। अब यह खबर आने के बाद कि शासन ने राकेश पांडे को उनके पद से हटा दिया है, शिक्षकों में राहत और संतोष का माहौल देखा जा रहा है।
अब इंतेजार इस बात का है कि शासन उनके ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच कब करती है?

बखेड़ा इस प्रकार खड़ा हुआ

सितंबर 2025
– बस्तर संभाग के शिक्षा विभाग में कई शिक्षकों ने संयुक्त संचालक राकेश पांडे के व्यवहार को लेकर नाराज़गी जतानी शुरू की।
– शिकायतें सामने आईं कि अधिकारी शिक्षकों के साथ अपमानजनक भाषा में बात करते हैं और बिना कारण वेतन रोक देते हैं।

10 अक्टूबर 2025
– केशकाल ब्लॉक के शिक्षक प्रकाश नेताम को जींस पहनने के कारण संयुक्त संचालक कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया।
– राकेश पांडे ने कथित रूप से कहा, “मैं जींस पहनने वाले शिक्षकों से नहीं मिलता।”
– यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षकों में आक्रोश फैल गया।

11-13 अक्टूबर 2025
– शिक्षक संघों ने राकेश पांडे के खिलाफ जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किए।
– “जेडी भगाओ, बस्तर बचाओ” नारे के साथ रैलियाँ हुईं।
– कई जिलों के शिक्षकों ने ज्ञापन तैयार करना शुरू किया।

14 अक्टूबर 2025
– शिक्षक कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री केदार कश्यप को ज्ञापन सौंपा।
– ज्ञापन में कहा गया कि अधिकारी के व्यवहार ने शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और तत्काल कार्रवाई की मांग की गई।

15 अक्टूबर 2025
– जगदलपुर, कोंडागांव और दंतेवाड़ा में शिक्षकों ने उग्र प्रदर्शन किया।
– कई शिक्षक संगठनों ने प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी।

16 अक्टूबर 2025
– सोशल मीडिया पर रिमूव जेडी राकेश पांडे ट्रेंड करने लगा।
– विभागीय रिपोर्टें मंत्री कार्यालय तक पहुंचीं; उच्च स्तर पर बैठक हुई।

17 अक्टूबर 2025
– शासन ने राकेश पांडे को पद से हटाने का आदेश जारी किया।
– बस्तर के संयुक्त निदेशक पद पर एच.आर. सोम को अस्थायी रूप से नियुक्त किया गया।
– शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने इसे “सम्मान की जीत” बताया।

18 अक्टूबर 2025
– शिक्षक संगठन अब यह मांग कर रहे हैं कि जांच समिति गठित की जाए ताकि भविष्य में ऐसे प्रकरण दोबारा न हों।
– कई जिलों में शिक्षकों ने “संवेदनशील प्रशासन” के लिए आभार सभाएं आयोजित कीं।

बस्तर में मानो धनतेरस शिक्षा जगत के लिए अपार धन लेकर आया हो- तानाशाह जेडी हटाए गए और सुशासन की सरकार ने दीपावली पूर्व पेमेंट करवा दी।

ज्ञापन में यह था आरोप
शिक्षक साझा मंच द्वारा सांसद, संभाग आयुक्त और कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में संयुक्त संचालक शिक्षा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि संयुक्त संचालक राकेश पांडे जब से संयुक्त संचालक का कार्यभार ग्रहण किए हैं तब से पूरे संभाग में भय और आतंक का माहौल बनाकर रखे हैं।
प्रतिदिन रील और वीडियो ऑडियो के माध्यम से शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।
स्पष्टीकरण देने गए प्रधान पाठक प्रकाश नेताम को संयुक्त संचालक ने फटकार लगाकर भगा दिया। किसी भी स्कूल की प्रार्थना सभा में जाकर शिक्षकों को बच्चों के सामने अपमान करके निलंबित करने एवं वेतन वृद्धि रोकने की धमकी देते हैं।
शिक्षक डेली डायरी में भी त्रुटि निकाल कर सीधे दो वेतन वृद्धि रोकने या निलंबन की कार्यवाही कर रहे हैं।राज्य शासन द्वारा मध्यान भोजन के लिए दिए जाने वाले चावल को मोटा चावल है कहकर शिक्षकों पर कार्यवाही कर रहे हैं।
मध्यन्ह भोजन में जानबूझकर कमी निकलकर शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करते हैं और वीडियो बनाकर वायरल करते हैं तथा शिक्षकों के वेतन वृद्धि रोकने एवं निलंबन की कार्रवाई करते हैं।
सीएससी के पदोन्नति व्याख्याता पद पर होने के बाद सीएसी के रिक्त पद को संयुक्त संचालक कार्यालय से पोस्टिंग मौखिक रूप से डीईओ और डीएमसी पर दबाव डालकर कराई जाती है, जबकि डीईओ और डीएमसी के प्रस्ताव के द्वारा जिले के कलेक्टर के अनुमोदन के बाद डीईओ को यह कार्य करना होता है।
प्राचार्य पदोन्नति काउंसलिंग के बाद पदस्थापित प्राचार्य को संयुक्त संचालक ने एमएलबी क्रमांक 1 में संलग्न कर दिया है। व्याख्याता पदस्थापना एवं स्थानांतरण का जिम्मा लोक शिक्षण संचालनालय पर है परंतु जेडी ने अपने कार्यालय में दूसरे जिले के व्याख्याता को लाकर सहायक संचालक के पद पर संलग्नीकरण किया है। कांकेर जिले से एक लिपिक का संलग्नीकरण शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भगत सिंह जगदलपुर में किया गया है।
जेडी ने विभागके दो चपरासियों को अपने घर में कार्य करने के लिए रखा है।
पोटा केबिन और कस्तूरबा गांधी बालिका आश्रम शालाओं से और जितने भी आश्रम शालाएं हैं उनसे राशि लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
पूर्व संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव द्वारा शाला निरीक्षण में की गई कार्रवाई की फाइल खोल कर समस्त बीईओ को दबाव डालकर शिक्षकों पर कार्यवाही करने का भय दिखाकर उगाही के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
जेडी की कार्यप्रणाली से महिला शिक्षक सबसे ज्यादा प्रताड़ित हो रही हैं। इसी दबाव के चलते शिक्षिका संतोषी बिसाई स्कूल जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई और अपना हाथ गवां बैठी।

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