बस्तर पत्रकारिता के भीष्म पितामह – वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बाजपेयी
मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया
निर्मल सोनी प्रकरण में तो जंगल तक जाकर नक्सलियों से उनकी रिहाई कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जगदलपुर/ बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बाजपेयी का निधन आज 18 सितंबर को हो गया । पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूर्ण क्षति है। वे न केवल बस्तर जिला पत्रकार संघ के संस्थापक सदस्य थे बल्कि बस्तर पत्रकारिता के भीष्म पितामह के रूप में अपनी अमिट छोड़ी है । उनका जन्म 14 जुलाई 1946 को हुआ था।
राजेन्द्र बाजपेयी ने अपने जीवन की शुरुआत पीडब्ल्यूडी के मैकेनिकल विभाग से की थी, लेकिन सरकारी नौकरी को त्यागकर उन्होंने पत्रकारिता को ही जीवन का लक्ष्य बनाया। उनकी पत्रकारिता यात्रा ‘बस्तर टाइम्स’ नामक साप्ताहिक अखबार से शुरू हुई, जो उनके ही नाम से प्रकाशित होता था। यही से उनकी लेखनी और समाचारों ने पहचान बनाई और धीरे-धीरे वे बस्तर के प्रख्यात पत्रकारों में शुमार हो गए।
वर्ष 1980 में जब बस्तर जिला पत्रकार संघ का गठन हुआ, तब पोला सिंह, बसंत अवस्थी, भरत अग्रवाल, किरीट दोषी, एस. करीमुद्दीन, रवि दुबे, डी.एस. नियाजी जैसे दिग्गज पत्रकारों की उपस्थिति में राजेन्द्र बाजपेयी भी शामिल रहे। उसी समय उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह से पत्रकार भवन हेतु भूखंड उपलब्ध कराने की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वीकृति प्रदान की। तब से लेकर आज तक जगदलपुर का पत्रकार भवन पिछले 45 वर्षों से पत्रकारों की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक बने हुए थे।
राजेंद्र बाजपेयी ने लंबे समय तक विभिन्न अखबारों और टीवी चौनलों में सेवाएं दीं और वे पत्रकारों के बीच एक पितामह की तरह माने जाते थे। अनेक पत्रकारों ने उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया और उन्हें अपना आदर्श माना। उन्होंने नक्सली आंदोलनों की साहसिक रिपोर्टिंग की और विशेष रूप से निर्मल सोनी प्रकरण में तो जंगल तक जाकर नक्सलियों से उनकी रिहाई कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें अनेक सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा गया। उनकी गहरी छाप केवल समाज और पत्रकारिता तक ही सीमित नहीं रही बल्कि परिवार तक पहुँची और उनके पुत्र रजत बाजपेयी भी सक्रिय रूप से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं।
राजेंद्र बाजपेयी का यूँ अचानक चले जाना बस्तर संभाग की पत्रकारिता के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी स्मृतियाँ, उनकी लेखनी और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बाजपेई के निधन पर शोक व्यक्त किया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेंद्र बाजपेई के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक शोक संदेश जारी कर बाजपेई के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि बाजपेई ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने निष्पक्ष और निडर होकर पत्रकारिता की और बस्तर की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। साय ने कहा कि उनका निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।