जगदलपुर, 16 जुलाई। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा कि सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयासों और स्थानीय समुदायों के बढ़ते सहयोग ने माओवादियों को उनके सबसे कमजोर चरण में पहुँचा दिया है। वरिष्ठ नेतृत्व और सक्रिय कैडर की क्षति ने उनके संगठनात्मक ढांचे को गंभीर रूप से कमजोर बना दिया है। हमारी सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता अडिग है। यह केवल एक सुरक्षा अभियान नहीं, बल्कि शांति बहाली, विकास सुनिश्चित करने और आदिवासी समुदायों को माओवादी हिंसा और शोषण से बचाने का संकल्प है
। श्री सुंदरराज ने आज अपने बयान में कहा कि बस्तर क्षेत्र में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप, सुरक्षा बल जनहितकारी और विकास-केन्द्रित रणनीति अपना रहे हैं। यह रणनीति सूचना आधारित अभियानों के साथ मिलकर हालिया समय में उल्लेखनीय सफलता ला रही है और बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रही है।
श्री सुंदरराज ने फिर माओवादी कैडरों से हिंसा का रास्ता छोडऩे और सामाजिक मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि माओवाद छोडऩे वालों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर वे सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंसा का रास्ता अब तक सिर्फ पीड़ा और विनाश लेकर आया है, और अब वक्त आ गया है कि माओवादी कैडर सही फैसला लें — अपने परिवारों से फिर जुड़ें, शांति के साथ जीवन बिताएं और विकास में भागीदार बनें। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) ने यह स्वीकार किया है कि बीते एक वर्ष में देशभर में सुरक्षा बलों के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में इसके 357 नक्सली मारे गए हैं।