इमली पेड़ के नीचे स्वास्थ्य विभाग ने लगाया शिविर

सुकमा 08 मार्च . छिंदगढ़ ब्लॉक के धनीकोड़ता गांव में बीते डेढ़ माह में दो बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में अधिकांश ग्रामीण हाथ—पैर में दर्द, बुखार और चेचक बीमारी से पीड़ित थे। 8 से 10 दिन के भीतर ही ग्रामीणों की मौत हो गई। गांव में अभी भी एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीण विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हैं। गांव में लगातार हुई मौतों के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग से ज्यादा ग्रामीण झाड़—फूंक पर भरोसा जता रहे हैं।

पूरा गांव झाड़—फूंक की चपेट में हैं। ठीक नहीं होने पर ग्रामीण अस्पताल पहुंच रहे हैं तब तक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। धनीकोड़ता में मौत का सिलसिला जारी है। दो दिन पहले ही लक्कापारा निवासी 55 साल के वेल्ला लिंगा की इलाज के दौरान मौत हो गई। मलेरिया की शिकायत के बाद लिंगा को सुकमा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मौत की सूचना मिलने के बाद तीन दिन से गांव में ही इलमी पेड़ के नीचे शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों का इलाज कर रही है। बुधवार को आरएमओ राजेश सोनी के साथ 4 स्टाफ नर्स की टीम मौके पर ग्रामीणों का इलाज किया। मलेरिया विभाग से जिला कंसल्टेंट राजेश्वरी भी मौजूद रहीं। छाती व हाथ—पैर में दर्द के मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। अधिकांश ग्रामीणों में पोषक तत्वों की कमी की शिकायत है। आरएमओ राजेश सोनी ने बताया कि धनीकोड़ता में दो पारा हैं, जिसकी जनसंख्या करीब 600 है। तीन दिन में डोर टू डोर जाकर ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है। 80 प्रतिशत ग्रामीणों का रक्त परीक्षण किया गया है। जिसमें 6—7 लोगों में मलेरिया के लक्षण मिले हैं। जिनका प्राथमिक उपचार कर रहे हैं। गंभीर मरीज मिलने पर जिला अस्पताल रेफर कर रहे हैं। फिलहाल हालत नियंत्रण में है। मौत क्यों हुई है इसकी पड़ताल कर रहे हैं। शराब पीने के बाद खाने की कमी के कारण भी कई ग्रामीणों में पोषण की कमी है। एक दिन में दो सगे भाईयों की मौत, शिकायत पैर—हाथ में दर्द… धनीकोड़ता के लक्कापारा निवासी सुक्का हिड़मा और मंगा हिड़मा, दोनो सगे भाई हैं।

एक सप्ताह से दोनों को हाथ—पैर में दर्ज की शिकायत थी। 15 फरवरी की सुबह सुक्का हिड़मा(30) की मौत हो गई वहीं देर रात को छोटे भाई मंगा हिड़मा(25) ने बीमारी से दम तोड़ दिया। एक ही घर में दो भाईयों की मौत ने ग्रामीणों को दहशत में ला दिया। इसके अलावा लक्कापारा के बुधरा बुसका, पटेलपारा के हड़मा देवा(65), सोनी हड़मा(38), वेल्ला लिंगा (55), मासे सन्नू (4 माह) और देवा मुचाकी (1) की मौत हुई है।

छिंदगढ़ ब्लॉक का कुन्ना पंचायत घोर नक्सल प्रभावित इलाका था। बीते कुछ सालों में सुरक्षाबलों की दखल के बाद नक्सलवाद में कमी आई है। कुंदनपाल, कुन्ना समेत अन्य पहुंचविहीन इलाकों में सड़कों का काम तेजी से हुआ है। इलाके में प्रशासन की पहुंच आसान हुई है। बावजूद इसके धनीकोड़ता में अधिकांश बच्चे कुपोषित और महिलाएं एनीमिया के शिकार हैं।
छिंदगढ़ एसडीएम विजय प्रताप खेस ने बताया कि गांव में स्थिति नियंत्रण में है। मौत के कारणों को पता लगाया जा रहा है। तीन दिन से स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों का इलाज कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *