जगदलपुर, 07 फरवरी. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में नक्सलियों की कथित राजधानी कुतुल गांव में फोर्स ने एक नया कैंप खोल दिया है। फोर्स की आमद होने से इस गांव को नक्सलियों के लाल झंडे से आजादी मिल गई हैं। नक्सलियों द्वारा यहां पर अपना ट्रेनिंग कैंप संचालित किया जाता था नए सुरक्षा कैंप खुलने से विकास कार्यों को लेकर नई आशा जगी हैं।
नक्सल उन्मूलन अभियान मिशन कगार-2026 के तहत सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) नए कंपनी ऑपरेटिंग बेस (सीओबी) स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में आईटीबीपी की 41वीं वाहिनी ने 5 फरवरी को नारायणपुर जिले के कुतुल क्षेत्र में नया कैंप स्थापित किया है। यह कैंप कोडलियार से करीब 5 किमी आगे स्थित है, जो नक्सल गतिविधियों के लिए कुख्यात अबूझमाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
इस कैंप की स्थापना से नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद की जा रही है। सुरक्षा बलों की उपस्थिति से स्थानीय निवासियों में भय कम होगा और उन्हें सुरक्षा का अहसास होगा। इसके साथ ही, इस पहल से क्षेत्र में विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और आमजन को देश की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
कैंप की स्थापना के दौरान आईटीबीपी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें आईटीबीपी डीआईजी युद्धवीर सिंह, आईटीबीपी 53वीं वाहिनी अमित भाटी सेनानी, आईटीबीपी 41वीं वाहिनी सेनानी नरेंद्र सिंह, काकेर रेंज डीआईजी अमित कामले और पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार सहित डीआरजी और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान शामिल रहे। आईटीबीपी की इस रणनीतिक पहल से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की पकड़ मजबूत होगी, जिससे नक्सलियों के मंसूबों पर अंकुश लगेगा और क्षेत्र में शांति व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
नवीन कैम्प स्थापना
