जगदलपुर, 17 अक्टूबर. बस्तर के इतिहास में शुक्रवार का दिन स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया। संभाग मुख्यालय जगदलपुर के पुलिस लाइन मैदान में आज 210 नक्सलियों ने पुलिस के बड़े अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह अब तक का देश का सबसे बड़ा नक्सली समर्पण माना जा रहा है।
इस महा-समर्पण समारोह में शामिल हुए नक्सली मुख्यतः अबूझमाड़, नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा इलाकों से आए थे। इनमें कई वर्षों तक जंगलों में सक्रिय रहे जनमिलिशिया सदस्य, प्लाटून कमांडर और महिला नक्सली भी शामिल रहीं। सभी ने हथियार, बारूद और नक्सली वर्दी सरकार के समक्ष सौंप दी।पिछले 50 वर्षों से बस्तर नक्सल हिंसा की आग में झुलसता रहा। हजारों निर्दोष आदिवासियों को हिंसा और भय के वातावरण में जीना पड़ा। नक्सलियों ने कभी विकास को रुकावट कहा, कभी लोगों को बहलाकर अपने संगठन में शामिल किया।लेकिन आज, इतने बड़े पैमाने पर हुए आत्मसमर्पण ने बस्तर में शांति और विश्वास की नई किरण जलाई है।याद दिला दें कि 2005 में भैरमगढ़ में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के समक्ष लगभग 70 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। उसके बाद यह पहला अवसर है जब इतने बड़े पैमाने पर नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है।राज्य सरकार ने समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को पुनर्वास पैकेज के तहत मुख्यधारा में लाने की योजना तैयार की है।उन्हें आवास, रोजगार और शिक्षा के अवसर दिए जाएंगे ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सके.