वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में वन विभाग की कार्यों की हुई समीक्षा

वन आधारित रोजगार सृजन एवं वनों के संरक्षण हेतु कार्ययोजना के अनुरूप करें पहल- वन मंत्री श्री केदार कश्यप

जगदलपुर, 12 सितंबर .  प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में शुक्रवार को जगदलपुर स्थित वन विद्यालय के सभाकक्ष में वन विभाग के विभिन्न कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में वृक्षारोपण, कूप कटाई, निर्माण कार्य, राजस्व संग्रहण, वनों के संरक्षण तथा जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन प्रगति पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही, ग्रामीणों की आय में वृद्धि के लिए विभाग द्वारा संचालित प्रयासों की गहन पड़ताल की गई। वन मंत्री ने बैठक में कहा कि वनों के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों विशेषकर युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाए। इस दिशा में कार्ययोजना के अनुरूप वृक्षारोपण, सयुंक्त वन प्रबंधन और समुदाय की सहभागिता से वनों की देखभाल और प्रबंधन के लिए व्यापक प्रयास किया जाए। साथ ही लाख पालन, वनोत्पाद पर आधारित प्रसंस्करण एवं ईको टूरिज्म के जरिए रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। वृक्षारोपण अभियान के तहत लाखों पौधे रोपे जा चुके हैं, जबकि कूप कटाई और निर्माण कार्यों में भी तेजी आई है। राजस्व संग्रहण में वृद्धि दर्ज की गई है, और मालिक मकबूजा योजना के माध्यम से वनवासियों को उनके अधिकार सुनिश्चित किए जा रहे हैं। जन कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लघु वनोपज संग्रहण और वैकल्पिक आजीविका स्रोतों पर फोकस किया गया, ताकि ग्रामीणों की आय दोगुनी हो सके।

इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा हमारी आजीविका का आधार वनोपज है। इको टूरिज्म और वनोपज प्रसंस्करण के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दें। बस्तर कई दशकों से माओवाद से पीड़ित रहा है, किंतु अब माओवाद के साए से बाहर आ रहा है। नई पीढ़ी को अब रोजगार प्रदान करें। बस्तर के विभिन्न पर्यटन स्थानों पर सुविधाएं प्रदान करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार दें। पर्यटन स्थानों के विकास में स्थानीय परंपराओं का ध्यान रखें। लघु वनोपज के प्रसंस्करण का लाभ स्थानीय युवाओं को मिले। नीलगिरी और अकेशिया के विदोहन के लिए आवश्यक नीति निर्माण हेतु तत्परता से कार्य करें। वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के पश्चात तत्काल वृक्षारोपण करें। वृक्षों की कटाई और अवैध परिवहन पर नजर रखें और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। वन भूमि पर अतिक्रमण पर त्वरित कार्रवाई करें। वनौषधि के संरक्षण के साथ ही वैद्यों के परंपरागत ज्ञान का उपयोग करें। उनकी भूमि में वनौषधियों का रोपण करें। वन भूमि के तालाबों का उपयोग मछली पालन हेतु करें और स्थानीय युवाओं को रोजगार दें। वृक्षारोपण के साथ ही पौधों की देखभाल और वृक्षों का संरक्षण हमारा दायित्व है। इस दायित्व का निर्वहन भली भांति करें। योजना बनाकर कार्य को पूर्ण करें।

वन मंत्री ने जोर देकर कहा कि बस्तर क्षेत्र में माओवाद के खात्मे के बाद विकास की नई लहर चल रही है, और वन विभाग को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने अधिकारियों को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने तथा मॉनिटरिंग मजबूत करने के निर्देश दिए। वन मंत्री ने बस्तर के नियद नेल्लानार योजना क्षेत्रों में वन विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित करने सहित नियमित रूप से मॉनिटरिंग किए जाने कहा।

बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री अनिल साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री अरुण पाण्डे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैंपा श्री ओपी यादव, मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर श्री आरसी दुग्गा, मुख्य वन संरक्षक कांकेर श्री दिलराज प्रभाकर, मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी जगदलपुर सुश्री स्टाइलो मंडावी, तीनों वन वृत्त के सभी वन मंडलाधिकारी एवं उप वन मंडलाधिकारी उपस्थित रहे।

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