सुरक्षा बलों के अभियानों ने माओवादी संगठन को कमजोर

जगदलपुर , 10 सितम्बर . सुंदरराज पी., आइजीपी बस्तर  ने बताया कि  आत्मसमर्पित माओवादियों और इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार सीपीआई महासचिव और डीकेएसजेडसी सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद लंबे समय से रिक्त है। मानसून के बाद माओवादी विरोधी अभियान और तेज होगा। ऐसे में बचें हुए माओवादियों के पास अब दो ही विकल्प है: आत्मसमर्पण या सुरक्षा बलों की कार्रवाई में ढेर हो जाएं।
सुरक्षा बलों के अभियानों ने माओवादी संगठन की कमर तोड़ दी है। बसवराजु और सुधाकर जैसे शीर्ष नेता मारे जा चुके हैं, जबकि किशन दा जैसे कई अन्य जेल में हैं। पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति लगभग बिखर चुकी है। नेतृत्व संकट, आंतरिक कलह और आर्थिक तंगी ने इस संगठन को बिखराव की कगार पर ला दिया है।
केंद्र के सहयोग से राज्य सरकार ने माओवादी तंत्र पर निर्णायक प्रहार किया है। बस्तर संभाग में सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ विकास कार्यों को भी प्राथमिकता दी गई है। अब सड़कें, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उन गांवों तक पहुंच रही हैं, जहा कभी माओवादियों का राजं चलता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *