पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का संगम

जगदलपुर:- नगर निगम ने एक ऐसी अनोखी पहल शुरू की है, जो न केवल शहर की हरियाली को संरक्षित करेगी बल्कि महिलाओं की भागीदारी को भी नई दिशा देगी। वुमन फॉर ट्री अभियान अमृत मित्र योजना के अंतर्गत शुरू किया गया शहर में पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का अद्भुत मेल साबित हो रहा है।
इंद्रावती नदी किनारे प्रवीर वार्ड के पुराने पुल क्षेत्र में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में सभी शामिल हुए। इस अभियान की सबसे विशेष बात यह रही कि लगाए गए पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी गई है। नगर निगम ने इसके लिए ट्री गार्ड भी उपलब्ध कराए हैं, ताकि पौधे सुरक्षित रह सकें और इनकी हरियाली लंबे समय तक कायम रहे।

हर महिला बनेगी हरियाली की प्रहरी

कार्यक्रम के तहत तय किया गया है कि प्रत्येक स्थान पर 300 पौधे लगाए जाएंगे। महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष और सदस्य मिलकर इन पौधों की देखभाल करेंगी। विशेष व्यवस्था के अंतर्गत तीन महिलाएं मिलकर 100-100 पौधों की जिम्मेदारी निभाएंगी। यानी अब शहर की हरियाली की परवरिश महिलाओं के हाथों में होगी।

शहर के तीन प्रमुख स्थानों महाराणा प्रताप वार्ड (पुराना डंपिंग यार्ड), कृष्ण कुंज और इंद्रावती नदी किनारे—कुल 900 पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह सिर्फ पौधारोपण नहीं बल्कि महिलाओं को जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता के नए मार्ग पर ले जाने का प्रयास है।

इस अवसर पर महापौर संजय पांडे, नगर निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन, आयुक्त प्रवीण कुमार वर्मा, एमआईसी सदस्य, पार्षदगण, स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। सभी ने यह संकल्प लिया कि पौधे सिर्फ लगाए ही नहीं जाएंगे, बल्कि उनकी देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी।

महापौर संजय पाण्डे ने कहा यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर पौधारोपण कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह जाते हैं। पेड़ लग जाते हैं लेकिन उनकी देखभाल न होने से वे सूख जाते हैं। मगर वुमन फॉर ट्री अभियान ने इस समस्या का व्यावहारिक समाधान ढूंढ निकाला है। महिलाओं को पौधों की संरक्षक बनाना एक दूरदर्शी कदम है। इससे महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का अवसर मिलेगा और साथ ही हरियाली भी पनपेगी। यह पहल केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को यह संदेश देती है कि प्रकृति की रक्षा तभी संभव है जब जिम्मेदारी हर नागरिक के हाथ में हो। यह मॉडल न केवल जगदलपुर बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है। यदि हर शहर में महिलाएं इस तरह हरियाली की संरक्षक बनें, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और हरा-भरा वातावरण मिल सकेगा।

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